ब्रोंकाइटिस से अलग होता है अस्थमा, इन बातों की न करें अनदेखी



अस्थमा और ब्रोंकाइटिस ऐसी बीमारियां हैं, जिससे मरीज को सांस लेने में कठिनाई होने लगती है। दोनों ही बीमारियों के कुछ लक्षण समान होते हैं, लेकिन उनके कारण और उपचार में काफी अंतर होता है। हालांकि Asthma और Bronchitis के इन लक्षणों को देखकर तत्काल किसी विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।


अस्थमा के लक्षण


सांस लेने में कठिनाई, खांसना, सोते समय घरघराहट की आवाज आना।


ब्रोंकाइटिस के लक्षण


खांसी के दौरान हरा, सफेद या पीला बलगम निकलना, सीने में जकड़न, सीने में दर्द, सिर दर्द, ठंड लगना, बहुत अधिक थकान महसूस होना।


क्रोनिक ब्रोंकाइटिस


ब्रोंकाइटिस तीव्र या दीर्घकालिक हो सकता है। तीव्र ब्रोंकाइटिस वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होता है और यह बीमारी कुछ सप्ताह के लिए होती है, जबकि क्रोनिक ब्रोंकाइटिस लंबे समय तक रहता है और यह ऐसे पदार्थों के कारण होता है, जो फेफड़ों में जलन पैदा करते हैं। यदि आपको अस्थमा के साथ ब्रोंकाइटिस भी है तो स्वास्थ्य को लेकर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।


इन बातों की रखें सावधानी


इंदौर के अस्थमा रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद झवर के मुताबिक, वायरस या बैक्टीरिया की वजह से ब्रोंकाइटिस, अस्थमा में बदल सकता है, इसलिए ज्यादा समय तक सर्दी खांसी रहे तो तत्काल डॉक्टर को दिखाएं।


अस्थमा एक पुरानी स्थिति है, जो फेफड़ों में सूजन और सिकुड़न पैदा करती है। धूल, धूप, धुआं और तनाव जैसी स्थिति में जाने बचना चाहिए।

साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। शरीर को हमेशा हाइड्रेट रखने का प्रयास करें। दवाओं के समय पर सेवन करें।

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