सावन माह का दूसरा मंगला गौरी व्रत 11 जुलाई को
सावन माह में दूसरा मंगला गौरी व्रत 11 जुलाई 2023 को है और यह व्रत मां पार्वती को समर्पित है। सावन माह का पहला मंगला गौरी व्रत 4 जुलाई को रखा गया था। मां मंगला गौरी की विधि-विधान से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। पंडित दीपेश मलतारे के मुताबिक धार्मिक मान्यता है कि मां मंगला गौरी आदि शक्ति माता पार्वती का ही मंगल रूप हैं। इन्हें मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी के नाम से भी पूजा जाता है।
अखंड सौभाग्य की होती है प्राप्ति
मंगला गौरी का व्रत यदि विधि विधान से करते हैं तो अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। विवाहित महिलाएं सावन में इस व्रत को विधि-विधान के साथ रखती हैं और मां मंगला गौरी व्रत की पूजा करती हैं। इसके अलावा दांपत्य जीवन में प्रेम बना रहता है।
हिंदू पंचांग के मुताबिक मंगला गौरी व्रत वाले दिन 3 अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है। सुकर्मा और धृति योग के साथ-साथ सर्वार्थ सिद्धि योग व अमृत सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है।
ऐसे करें मंगला गौरी व्रत की पूजा
- सूर्योदय से पहले जाग कर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- लाल रंग का वस्त्र बिछाकर पर मां मंगली गौरी की प्रतिमा स्थापित करें।
- व्रत का संकल्प लेकर आटे से बना दीपक प्रज्वलित करें।
- धूप, नैवेद्य फल-फूल आदि से मां गौरी की पूजा करें।
- पूजा में सुहाग का सामान, फल, फूल, माला, मिठाई आदि अर्पित करें।
- पूजा के बाद मां गौरी की आरती करें और अखंड सौभाग्य के लिए प्रार्थना करें।
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