आसान नहीं संविदाकर्मियों की राह, ये शर्त पूरी करने वाले कर्मचारी ही होंगे नियमित


भोपाल। विधानसभा चुनाव से पूर्व शिवराज सरकार ने संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसको लेकर विस्तृत नियम भी जारी कर दिए हैं। हालांकि संविदा कर्मियों को सीधे तौर पर नियमित नहीं किया जाएगा। लिहाज़ा उन्हे सरकार द्वारा तय कई पैमानों को पर खरा उतरना होगा। यानी उन्हे प्रतिस्पर्धा के दौर से गुजरना होगा और निर्धारित अंक लाने होंगे। उसमें चयनित होने पर ही कर्मचारियों के नाम के आगे से सविंदा के बजाए नियमित कर्मचारी का टैग लगेगा। इस लेख में हम आपको बताते हैं आखिर वे कौन से नियम है, जिनसे संविदा कर्मियों को गुजरना होगा।


ऐसी होगी भर्ती प्रक्रिया

वर्तमान में जिस पद पर सविंदा कर्मचारी काम कर रहे हैं, उन्ही पदों पर उन्हे नियमित नहीं किया जाएगा। इसके बजाए उनका चयन विभिन्न विभागों में नियमित पदों पर होेने वाली सीधी भर्ती प्रक्रिया के जरिए होगा। इन भर्ती प्रक्रियाओं में संविदा कर्मचारियों के लिए 50 प्रतिशत पद आरक्षित रखे जाएंगे।



हालांकि, संविदाकर्मियों के लिए आरक्षित पद उन्ही के माध्यम से नहीं भर पाते हैं या वे भर्ती प्रक्रिया में खरे नहीं उतर पाते हैं तो वे पद अन्य उम्मीदवारों द्वारा भरे जाएंगे और इन पदों को कैरी फारवर्ड नहीं किया जाएगा।


इन कर्मचारियों को ही मिलेगा आरक्षण का लाभ

ऐसे संविदा कर्मचारी जो पांच साल तक संविदा के तहत नियुक्त रहे हैं, केवल उन्हे ही आरक्षण व्यवस्था का लाभ मिलेगा। इसके लिए संविदा कर्मचारियों को पांच साल के अनुभव का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। यह प्रमाण जिला अथवा राज्य स्तर के अधिकारी द्वारा जारी किया जाएगा।


हालांकि कर्मचारी ने अगर एक पद के बजाए विभिन्न संविदा पदों पर कार्य किया और पांच साल की अवधि पूर्ण हो रही है तो वे भी इसके लिए पात्र होंगे।


ऐसे संविदाकर्मी जिन्हे पद से हटाया गया था और बाद में दोबारा पद पर रखा गया। अगर वे भी हटाने की अवधि को छोड़कर पांच साल का अनुभव रखते हैं तो उन्हे भी इसकी पात्रता होगी।


योग्यता और अनुभव भी अनिवार्य

संविदा कर्मी जिस नियमित पद के लिए आवेदन कर रहा है, उस पद के लिए निर्धारित शैक्षणिक योग्यता को पूरा करना होगा। ऐसा न होने की स्थिति में वह आवेदन के लिए पात्र नहीं होगा।


बता दे कि मध्य प्रदेश में 32 विभागों में संविदा नियुक्ति की जाती है। आपको यह भी बताते हैं कि प्रदेश के किन विभागों में संविदा नियुक्ति के क्या नियम हैं और नियमित होने के बाद कर्मचारियों को किन सुविधाओं का लाभ दिया जाएगा।


क्या कहते हैं नियम

स्वास्थ्य विभाग

राष्टीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से साल 2021 में जारी संविदा मानव संसाधन मैनुअल के अनुसार विभाग में एक साल के लिए संविदा नियुक्ति दी जाती है। वार्षिक कार्य आधारित मूल्यांकन में योग्य पाए जाने पर संविदा नियुक्ति आगे भी बढ़ाई जा सकती है। संविदा नियुक्ति के लिए न्यूनतम आयु 21 और अधिकतम आयु 62 वर्ष है।


इसके साथ ही नियमित सेवा से सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों को अधिकतम 65 वर्ष की आयु तक संविदा के तहत नियुक्त किया जाता है। जबकि चिकित्सकों को अधिकतम 67 वर्ष की आयु तक संविदा के तहत नियुक्ति की जाती है।


मध्य प्रदेश सिविल विभाग

मध्य प्रदेश सिविल सेवा विभाग में विभागीय विज्ञापनों, मुख्यमंत्री की अनुशंसा और अन्य माध्यमों से संविदा नियुक्ति दी जाती है। संविदा के लिए अधिकतम आयु वही होगी जो संबंधित पद के लिए विभागीय भर्ती में कहे गए हैं। विभाग में शुरुआती तौर पर एक साल के लिए संविदा पर नियुक्त किया जाता है। जिसके बाद नियुक्ति सीमा बढ़ाई जा सकती है। हालांकि अधिकतम पांच वर्षों के लिए संविदा पर नियुक्ति की जाती है। हालांकि विभाग में संविदा पर नियुक्त होने वाले कर्मचारियों को पेंशन और वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिलेगा।


नगर पालिका

मध्य प्रदेश की नगरपालिकाओं में शुरुआती तौर पर एक साल के लिए संविदा पर नियुक्त किया जाता है। विभाग में शुरूआती तौर पर एक साल के लिए संविदा पर नियुक्त किया जाता है। जिसके बाद नियुक्ति सीमा बढ़ाई जा सकती है। हालांकि अधिकतम पांच वर्षों के लिए संविदा पर नियुक्ति की जाती है।


नियमित होने के बाद क्या होगी सुविधाएं

4 जुलाई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का ऐलान किया था। इस ऐलान के तहत कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तरह ही लाभ मिलेगा।


ये होगी सुविधाएं

- एक साल के अनुबंध प्रक्रिया समाप्त होगी


- समय-सीमा में मिलेगा नेशनल पेंशन स्कीम का लाभ


- वेतन/मानदेय में पूर्व में निर्धारित 90 प्रतिशत के बजाए पूरी राशि प्रदान की जाएगी


- स्वास्थ्य बीमा योजना का भी मिलेगा लाभ


- अनुकंपा नियुक्ति का लाभ भी मिलेगा


- रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी की होगी व्यवस्था


- नियमित पदों पर भर्ती में 50 फीसदी पदों पर संविदा कर्मचारियों को आरक्षण मिलेगा


- नियमित कर्मचारियों की तरह अवकाश के साथ मातृत्व अवकाश भी मिलेगा


- नियमित कर्मचारियों की तरह आकस्मिक, अर्जित और ऐच्छिक अवकाश मिलेंगे

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