पटवारी परीक्षा परिणाम भर्ती पर सीएम शिवराज की बड़ी घोषणा, नियुक्तियों पर लगाई रोक

 भोपाल| पटवारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने गुरुवार को नियुक्तियों पर रोक लगा दी। साथ ही विधायक के कालेज में बने परीक्षा केंद्र के परिणाम की नए सिरे से जांच कराने के निर्देश दिए हैं।

 विरोध में गुरुवार को भोपाल, इंदौर सहित अन्य जिलों में युवाओं ने प्रदर्शन कर विरोध जताया। गुरुवार सुबह से राज्य सरकार के प्रवक्ता और गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा गड़बड़ी से इन्कार कर रहे थे लेकिन शाम को मुख्यमंत्री ने संदेह वाले उक्त केंद्र के परिणाम की जांच करवाने का निर्णय ले लिया।

बता दें, पटवारी भर्ती परीक्षा कर्मचारी चयन मंडल ने करवाई थी, पहले इसका नाम व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) था। व्यापमं घोटाले के बाद सरकार ने इसका नाम बदल दिया था, पर अब इसकी विश्वसनीयता पर प्रश्न उठ गए हैं। प्रदेश में इस परीक्षा को लेकर राजनीतिक वार-पलटवार भी तेज हो गया है। प्रदेश कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं से लेकर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रदेश सरकार को इस मुद्दे पर जमकर घेरा।

पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने भी स्वीकार किया है कि परीक्षा में गड़बड़ी हुई है। इस पूरे मामले की सीबीआइ से जांच कराई जाए। इससे कम कुछ भी स्वीकार नहीं किया जाएगा। जब तक वास्तविक चेहरे बेनकाब नहीं होंगे हम चुप नहीं रहेंगे।


इस तरह आरोपों के घेरे में आई परीक्षा

मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) ने बीते मार्च-अप्रैल में ग्रुप-2 (सब ग्रुप-4) और पटवारी भर्ती परीक्षा पूरे प्रदेश में कराई थी। विवादित परीक्षा केंद्र एनआरआइ कालेज से टापर सात अभ्यर्थियों ने कुल 200 अंकों वाली परीक्षा में 174.88 से लेकर 183.86 तक अंक हासिल किए हैं। इन उम्मीदवारों के रोल नंबरों की सीरिज भी एक जैसे अंक ‘2488' से शुरू होती है। हस्ताक्षर कालम में पांच अभ्यर्थियों ने सिर्फ अपना नाम लिखा है। इस मामले में कर्मचारी चयन मंडल का अभी तक कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है।


जांच से क्यों कतरा रही सरकारः कांग्रेस

राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि मध्य प्रदेश में पटवारी परीक्षा घोटाला, व्यापमं घोटाला 2.0 है, जो प्रदेश के लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। भाजपा सरकार युवाओं से रोजगार चोरी कर रही है। वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया कि नौकरियों के लिए पदों की लाखों रुपये में बोली लगाए जाने की खबरें हैं। उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा कि सीएम की स्वीकार्यता घोटाले को प्रदर्शित करता है। पर निर्णय ऐसा हो कि किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय न हो। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि सुनियोजित तरीके से इस आनलाइन परीक्षा में गड़बड़ी कर भर्ती करने का प्रयास किया गया है। व्यापक गड़बड़ियों को देखते हुए भर्ती प्रक्रिया की सीबीआइ से जांच कराई जाए।

कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित समूह-2, उप समूह-4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परिणाम में धांधली के समाचार सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने नियुक्तियां रोकने का फैसला कर, यह स्वीकार कर लिया है कि इन परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली और घोटाला हुआ है।

कर्मचारी चयन मंडल द्वारा समूह-2, उप समूह-4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परीक्षा परिणाम में एक सेन्टर के परिणाम पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां अभी रोक रहा हूँ। सेन्टर के परिणाम का पुनः परीक्षण किया जाएगा।

कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित समूह-2, उप समूह-4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परिणाम में धांधली के समाचार सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने नियुक्तियां रोकने का फैसला कर, यह स्वीकार कर लिया है कि इन परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली और घोटाला हुआ है।


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