मूंदड़ा के बग़ावती सुर का दिखा असर,भोपाल में फिर बढ़ी पूछ परख!

 


पिपरिया।सूबे में विधानसभा चुनाव सिर पर है।चुनाव जीतने के लिए भाजपा आलाकमान वह सब कुछ कर रहा है।जिससे पुराने व वरिष्ठ कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार हो ओर वह घर से निकल कर मैदान में उतर जाए।इसी तारतम्य में 

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व ज़िला अध्यक्ष संपत मूंदड़ा की पूछ परख एक बार फिर बढ़ गई है।पिछले 3 सालों में मूंदड़ा को उनके इर्द-गिर्द रहने वाले पार्टी के युवा नेताओ ने ही साइड लाइन कर दिया था।हद तो तब हो गई थी जब नगर पालिका अध्यक्ष पद पर उनकी मज़बूत दावेदारी को उनके ही चेले-चपाटों ने दरकिनार कर उन्हें नपा उपाध्यक्ष पद पर भी षड्यंत्र पूर्वक क़ाबिज़ नहीं होने दिया था।परिषद चुनाव के बाद से ही मूंदड़ा ने बग़ावती सुर अपना लिए थे।वह लगातार पार्टी व सार्वजनिक मंचो से विरोधी नेताओ के क्रिया कलापो को लेकर मुखर हो रहे थे।उनके इस बग़ावती सुर में सुर मिलाने वाले पूर्व विधायक हरिशंकर जायसवाल व पूर्व मंडी अध्यक्ष श्रीमती अरुणा जोशी ने उनको और ज़्यादा ऊर्जा दे रखी थी।स्वभाव से अख्ह्ड़ माने जाने वाले मूंदड़ा ने ज़िला मुख्यालय पर आए पार्टी के कई बड़े नेताओ को सत्ता और संगठन के “बेमिसाल” गठजोड़ पर जम कर खरी खोटी सुनाई थी।जिसका असर यह हुआ की पार्टी ने भी सम्पत मूंदड़ा को मानने की कार्ययोजना बनाते हुए उन्हें भोपाल में आयोजित उच्च स्तरीय समन्वय बैठक में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष VD शर्मा व संगठन मंत्री हितानंद शर्मा ने बुला कर उनकी पूरी बात सुनी।इसके बाद लोकसभा में मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रमों का लोकसभा प्रभारी बनाया और अब भोपाल CM हाउस में हुई कोर कमेटी में भी शामिल करते हुए उनकी हर बात को बड़ी गंभीरता से सुना है।पिपरिया की राजनीति को क़रीब से जानने वालों की माने तो मूंदड़ा को आने वाले चुनाव के लिए लाली पॉप दे कर “पोट” लिया गया।अब देखना यह है कि मूंदड़ा के बग़ावती सुर को मजबूत करने वाले पूर्व विधायक हरिशंकर जायसवाल व पूर्व मंडी अध्यक्ष श्रीमती अरुणा जोशी को आने वाले समय में पार्टी कैसे “पोटेगी”।

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