क्या टिफ़िन पार्टी से कम होगी भाजपा कार्यकर्ताओं में फैली कड़वाहट!


भोपाल।केंद्र में मोदी सरकार के 9 साल बेमिसाल  के नाम पर भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ता को एक जुट करने के लिए देश भर में नित्य नए कार्यक्रम का आयोजन कर रही है।इसी क्रम में पार्टी ने जीमनी कार्यकर्ताओ के बीच जनप्रतिनिधियो की विश्वसनीयता व साख बढ़ाने के लिए टिफ़िन पार्टी का आयोजन किया है।इसमें कार्यकर्ताओ एवं नेताओ को अपने-अपने घरो से टिफ़िन ला कर साथ बैठ भोजन करना था।इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य सभी छोटे-बड़े नेताओ को साथ भोजन करा के पार्टी के लिए एकजुट होने का संदेश देना था।परंतु नर्मदापुरम ज़िले में पार्टी का यह कार्यक्रम मज़ाक़ बन कर रह गया है।पिपरिया विधानसभा में आयोजित टिफ़िन पार्टी में तो नर्मदा किनारे दाल-बाफले का आयोजन रखा गया था।खाना तो कार्यक्रम स्थल पर बना जिसमें नेताओ के लिए क़रीब 100 टिफ़िन भरे गए।टिफ़िन पार्टी में सभी नेताओ के टिफ़िन से एक सा खाना निकलना भी इलाक़े में चर्चा का विषय रहा।नर्मदापुरम ज़िला भाजपा अध्यक्ष माधव अग्रवाल एवं कार्यक्रम प्रभारी सम्पत मूँदड़ा की गृह विधानसभा में ही पार्टी निर्देशों के उलट आयोजित कार्यक्रम में अपनी मन मर्ज़ी दिखाई दी है।वही कार्यकर्ताओं का कहना है की इस तरह से जमीनी संगठन की अनदेखी की गई है।जो की पार्टी के हित में नहीं है।वही पिछले दिनो ग्रामीण मंडल अध्यक्ष पद से खूबचंद्र को हटाने की जो साज़िश ज़िला अध्यक्ष गुट ने रची है उससे भी कार्यकर्ता के मन में भारी कडवाहट भरी हुई है।भाजपा के वरिष्ठ नेता की माने तो इस टिफ़िन पार्टी में शहरी कार्यकर्ता ही मौजूद थे।जबकि सांडिया सेक्टर को पार्टी का मजबूत गढ़ माना जाता है।परंतु सांडिया इलाक़े से बहुत ही कम कार्यकर्ताओं का शामिल होना बताता है की संगठन के प्रति अभी भी कार्यकर्ताओं में भारी कड़वाहट भरी हुई है।जो की इस तरह की टिफ़िन पार्टी से कम नहीं होगी।भाजपा सूत्र बताते है की इस टिफ़िन पार्टी में भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को आमंत्रण ही नहीं दिया गया।

No comments

Powered by Blogger.