19 जून से शुरू होगी आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि, यह है कलश स्थापना व पूजन का समय
कलश पूजन व शुभ मुहूर्त
आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि 18 जून को सुबह 10:06 बजे से आरंभ होगी और 19 जून को सुबह 11:25 बजे पर समाप्त होगी। उदया तिथि के हिसाब से आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 19 जून से होगी। गुप्त नवरात्रि की पूजा के लिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 19 जून सोमवार को सुबह 05:23 से 07:27 बजे तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त इसी दिन सुबह 11:55 से दोपहर 12:50 मिनट बजे तक रहेगा। गुप्त नवरात्रि में पूजा करने के लिए साधक को सूर्योदय से पहले उठना जाना चाहिए और स्नान व स्वच्छ वस्त्र धारण कर तन-मन से पवित्र हो जाना चाहिए। इसके बाद शुभ मुहूर्त में पवित्र स्थान पर देवी की मूर्ति या चित्र को एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर रखें और गंगा जल से पवित्र करें। पूजा शुरू करने से पूर्व मिट्टी के पात्र में जौ के बीज बो दें और नवरात्रि तक जल का छिड़काव करते रहें। इसके बाद माता की पूजा के लिए कलश स्थापित करें और अखंड ज्योति जलाकर दुर्गा
सप्तशती का पाठ और उनके मंत्रों का जप करें।
गुप्त नवरात्रि तंत्र साधकों के लिए काफी खास होती है। गुप्त नवरात्रि विशेष तौर पर गुप्त सिद्धियां पाने का समय है। तंत्र साधनाओं को गुप्त तरीके से किया जाता है। इसी के कारण इसे गुप्त नवरात्रि कहते हैं। इस दौरान 10 महाविद्याओं की पूजा-अर्चना करने का विधान है। माना जाता है कि गुप्त नवरात्रि में पूजा-पाठ करने से मनचाहा फल मिलता है।
गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की साधना
1.मां काली, 2.मां तारा, 3.मां धूमावती , 4.मां बगलामुखी, 5.मां त्रिपुर सुंदरी, 6.मां भुवनेश्वरी, 7.मां छिन्नमस्ता, 8.मां त्रिपुर भैरवी, 9.मां मातंगी,
10.मां कमला
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