महाकाल लोक में हुए भ्रष्टाचार को लेकर मेरी शिकायत दबा दी: विधायक परमार



उज्जैन, महाकाल महालोक के निर्माण में भ्रष्टाचार किया गया है। धातु व पाषण की मूर्तियों के बजाए फायबर की खोखली मूर्तियां लगा दी गईं। यह मूर्तियां तेज हवा भी नहीं सह सकी और भारतीय जनता पार्टी व अधिकारियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की पोल खुल गई। एक तरह मां शिप्रा में गंदा पानी मिल रहा है तो दूसरी ओर महालोक में मूर्तियां गिर रही हैं। ये कैसी सरकार है। यह आरोप सोमवार को तराना विधायक महेश परमार ने प्रदेश सरकार पर एक पत्रकार वार्ता में लगाए। इससे पहले कांग्रेस नेताओं ने स्मार्ट सिटी कार्यालय का घेराव भी किया।


बता दें कि विधायक परमार ने भ्रष्टाचार को लेकर विधानसभा में भी प्रश्न उठाया था और लोकायुक्त को भी शिकायत कर रखी है। विधायक परमार ने कहा कि मूर्तियां पाषाण अथवा धातु की लगाई जाना थी। जो शास्त्र सम्मत विधान भी हैं। मगर कमिशन व श्रेय लेने की होड में भाजपा सरकार व प्रशासन ने महालोक में गुणवत्ता विहिन कार्य करवाए हैं।


मूर्तियां स्थापित करने के समय प्रशासन का दावा था कि यह मूर्तियां सभी प्रकार के मौसम व आंधी, तूफान में सुरक्षित रहेंगी। मगर पहली आंधी व बारिश में ही भ्रष्टाचार युक्त निर्माण की पोल खुल गई। यहां तक की महाकाल लोक की सरफेस पार्किंग ठेके में भी हुए भ्रष्टाचार की लोकायुक्त में जांच लंबित है। इसमें कई अफसर भी शामिल हैं।


इधर प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने भी जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की। पत्रकार वार्ता के दौरान शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया, कार्यवाह अध्यक्ष विवेक यादव, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता एडवोकेट विवेक गुप्ता, राजेश तिवारी, पार्षद माया राजेश त्रिवेदी सहित अन्य नेता मौजूद थे।


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