3 मार्च को है आमलकी एकादशी
3 मार्च को है आमलकी एकादशी
हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की एकादशी का काफी अधिक महत्व है। इस साल आमलकी एकादशी यानि रंगभरी एकादशी 3 मार्च 2023, शुक्रवार के दिन पड़ रही है। आमलकी एकादशी पर आंवले के पेड़ की पूजा करने से श्रीहरि बहुत प्रसन्न होते हैं। मान्यता है कि आंवले के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और शिव का वास माना गया है। आमलकी एकादशी पर विष्णु और शिव दोनों की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन व्रत एवं पूजन से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं और मनचाहा जीवनसाथी मिलता है।
तिथि एवं शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 2 मार्च को सुबह 6 बजकर 38 मिनट से शुरू हो रही है जो 3 मार्च को सुबह 9 बजकर 2 मिनट पर खत्म हो जाएगी। इसलिए उदया तिथि को मानते हुए आमलकी एकादशी 3 मार्च 2023 को मनाई जाएगी। आमलकी एकादशी पर इस साल 3 शुभ योग सर्वार्थ सिद्धि, सौभाग्य और शोभन योग का संयोग बन रहा है। इसमें व्रत-पूजन करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है और हर काम में सफलता मिलती है।
सौभाग्य योग - 02 मार्च, शाम 05.51 बजे - 03 मार्च, शाम 06.45 बजे तक
शोभन योग - 03 मार्च, शाम 06.45 बजे - 04 मार्च, रात 07.37 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग - 3 मार्च, सुबह 06.47 बजे - दोपहर 03.43 बजे तक
करें ये उपाय
भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल अति प्रिय होते हैं। आमलकी एकादशी के दिन उन्हें 21 पीले फूल चढ़ाएं या इतने फूलों की माला अर्पित करें। इससे श्री हरि की कृपा हमेशा बनी रहेगी।
आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ का पूजन किया जाता है। इस दिन आंवले के पेड़ की 7 परिक्रमा लगाते हुए उसमें 7 बार कलावा बांधना चाहिए। इससे दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है।
आमलकी एकादशी के दिन पीले रंग के कपड़े में एक नारियल लपेटकर रखें। पूजा के बाद इस नारियल को धन रखने के स्थान पर रख दें। ऐसा करने से आर्थिक तंगी से मुक्ति मिल सकती है।
इस दिन भगवान विष्णु को चंदन का तिलक लगाएं और उनकी विधिवत पूजा करें। इससे घर के सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी होती है।
जिनके विवाह में विलंब हो रहा हो या वैवाहिक जीवन में किसी तरह का तनाव है तो वह इस दिन आंवले के रस से श्रीहरि का अभिषेक करें और शिवलिंग पर गुलाल अर्पित करें।
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