हत्या जैसे संगीन मामले में भी पुलिस की ऐसी लचर जाँच,भगवान मालिक है पिपरिया का!
पिपरियाः-शहर में क़ानून व्यवस्था की स्थिति दिन बा दिन बद से बदतर होती जा रही है।अभी तक तो वाहन चोरी व घरों में चोरी के मामलों में लचर जाँच की जा रही थी।परंतु अब तो हत्या जैसे संगीन मामले में भी खानापूर्ति जाँच की जा रही है।पुलिस विभाग में हत्या के अपराध को न केवल संगीन माना जाता है बल्कि इसे क़ानून व्यवस्था को चुनौती देने वाला भी मानते है।जिसमें काफ़ी गंभीरता से जाँच की जाती है।परंतु पिपरिया में हत्या के एक मामले में दर्जन भर आरोपियों को मात्र 2 आरोपियों में तब्दील कर जेल तक भेज दिया जाता है।हत्या के 20 दिन बाद परिजनों ने ही घटना का वीडियो प्राप्त कर पत्रकारों को बताया की मामले में एक दर्जन आरोपी है जो अमित को लाठी डंडे से मार रहे थे।मामला मंगलवारा थाने का है।जिसमें 25 अप्रेल को बस स्टैंड पर आहता संचालक अमित राय के साथ दो लोगों ने दोपहर में देशी शराब आहता पर मारपीट कर दी।इस मामले में फ़रियादि ने अज्जु पुर्विया व संजय शर्मा के ख़िलाफ़ मंगलवारा थाने में रिपोर्ट भी लिखवाई थी।परंतु मामले में पुलिस ने बदमाशों को न तो गिरफ़्तार किया और न ही ताकीद किया की वह किसी से न लड़े।पुलिस की इसी लचर कार्यप्रणाली से उसी दिन इन आरोपियों ने अपने एक दर्जन साथियों के साथ मिल कर देर रात हथवाँस में फ़रियादी को घेर कर बे रहमी से मारपीट कर दी।घटना के बाद अमित को नर्मदापुरम के नर्मदा अस्पताल में भर्ती करवाया गया।भर्ती होने के पाँचवे दिन ही अमित की अस्पताल में मौत हो गई।मौत के 3 दिन बाद पुलिस ने मात्र दो आरोपियों अज्जु पुर्विया एवं संजय शर्मा को ही इसमें शामिल बताते हुए गिरफ़्तार कर जेल भी भेज दिया।
-:इन बिंदुओ पर पुलिस जाँच शंका के घेरे मेंः-
हत्या जैसे मामले में किस तरह से मंगलवारा पुलिस जाँच करती है इसकी बानगी अमित राय हत्याकांड में देखने को मिली।इस पूरे मामले में सूत्र बताते है की पुलिस ने कई दिन पहले घटना स्थल के नज़दीक एक दुकान से CC TV फ़ुटेज ले लिए थे।परंतु उनके आधार पर आरोपियों पर कार्यवाही क्यों नहीं की वही मृतक के साथ घटना के समय जो युवक था उसके बयान सही से क्यों नहीं लिए गए जिसमें वह बता सकता की वारदात में कितने लोग शामिल थे।वारदात के बाद मृतक के बयान भी नहीं लिए गए है।जिससे पता चल सके की और कितने आरोपी थे।वही पुलिस की कहानी अनुसार वारदात में शामिल दो आरोपियों से ऐसी कैसी पूछताछ की गई की उन्होंने भी नहीं क़बूला की हमारे साथ कौन कौन वारदात में शामिल था।पुलिस द्वारा बताए गए आरोपियों की काल डीटेल क्यों नहीं निकलवाई गई जिससे यह पता चल सके की इनके साथ उस समय क़ौन कौन सम्पर्क में था।मृतक के छोटे भाई अंकित राय से नर्मदापुरम में पुलिस ने बयान लिए तब उसे बताया गया था की वारदात में 6-7 लोग शामिल है।परंतु इसके बाद मामला 2 पर ही सिमट कर रह गया।छोटे भाई के अनुसार जब पुलिस CC TV फ़ुटेज ले रही थी तो परिजन वंहा गए थे।परिजनों के अनुसार उनको पुलिसकर्मीयों ने फ़ुटेज नहीं देखने दिए गए।
-:विधायक से मिले पीड़ित:-
मामले में पीड़ित परिजनों ने स्थानीय भाजपा विधायक ठाकुरदास नागवंशी से मुलाक़ात कर वारदात की रात वाला वीडियो देते हुए मंगलवारा पुलिस की कार्यप्रणाली की शिकायत की है।विधायक नागवंशी ने पीड़ित परिवार से कहा की वह SP से बात कर मामले की निष्पक्ष जाँच करवाएँगे।
-:TI का कहना रात-दिन लगें है मामले मेंः-
वारदात का वीडियो वायरल होने के बाद जब मंगलवारा TI अजय तिवारी का कहना है की हम तो दिन रात लगे हुए इस मामले की तह तक जाने में TI कहना है कि परिजन बता ही नहीं रहे है की वारदात में कौन कौन था।वही SP गुरुकरन सिंह के अनुसार इस मामले को गंभीरता से ले रहे है।कोई भी आरोपी बच नहीं पाएँगे।
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