भाजपा के स्थापना दिवस पर पार्टी की रीति नीति को लेकर पिपरिया के वरिष्ठ भाजपा नेताओ ने क्या कहा सुनिए….
पिपरियाः-संघर्ष से लेकर समृद्ध भाजपा और सत्ताधारी भाजपा में क्या अंतर है।इस प्रश्न के जवाब पर भाजपा नेताओ ने कहा की पार्टी तो जनसेवा में लगी हुई है।पार्टी का स्वरूप समय-समय पर बदला है।पार्टी अब आधुनिक हो गई है।वही विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली पार्टी कांग्रेस से आए नेताओ को किस तरह से एडजेस्ट करेगी इस पर नेताओ ने गोल-मोल जवाब भी दिए है।वही अनधिकृत वार्तालाप में पार्टी के बदले स्वरूप पर इन नेताओ ने दबी ज़ूबा में विरोध तो दर्ज कराया परंतु ऑन द रिकार्ड सभी ने पार्टी और उसके निर्णयों को भगवान का आदेश सा बताया है।जिसको हंस कर या रो कर मानना ही होता है।
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