बालाजी सिंडिकेट का धान घोटालाः-SDM ने किया मिल का भौतिक सत्यापन!

 


पिपरियाः-सरकार के लिए कस्टम मिलिंग करने वाले कुछ राईस मिलर्स ने पिछले दिनो जम कर घोटाला किया है।विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से इन घोटालों को अंजाम देते हुए करोड़ों के वारे-न्यारे किए गए है।जिसमें पिपरिया की बालाजी सिंडिकेट ने तो सारी हदो को पार करते हुए 7 हज़ार क्विंटल धान को खुले बाज़ार में बेंच दिया है।इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब चांवल जमा कराने की अंतिम तारीख़ 4 मार्च के बाद भी बालाजी फ़र्म द्वारा क़रीब 17 लाट की 7 हज़ार क्विंटल से भी ज़्यादा धान के चांवल सरकार के वेयर हाउस में जमा नहीं हो सके।मामले में बालाजी सिंडिकेट के इस धान घोटाले पर ज़िला विपणन अधिकारी किसी भी तरह की सख़्त कार्यवाही नहीं कर पर्दा डालते रहे।जिसका परिणाम यह रहा की शासन को उक्त धान का नुक़सान हो गया।जबकि विपणन अधिकारी को मालूम था की बालाजी सिंडिकेट के पास 17 लाट की 7 हज़ार क्विंटल धान ही नहीं है।

-:मिल परिसर में नहीं मिली धान:-

बालाजी सिंडिकेट के धान घोटाले को ज़िला कलेक्टर नीरज सिंह ने काफ़ी गंभीरता से लेते हुए पिपरिया SDM नितिन टाले को मिल परिसर में धान का भौतिक सत्यापन कर तुरंत रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए थे।जिसके बाद SDM नितिन टाले, तहसीलदार राजेश बौरासि ने  अपनी टीम के साथ बालाजी मिल परिसर पर पहुँच कर सघन जाँच की है।SDM नितिन टाले ने बताया की मिल के अंदर क़रीब 135 बोरी में रखा चांवल पाया गया है।परंतु राईस मिल परिसर में किसी भी प्रकार की धान का स्टाक नहीं मिला है।SDM ने इस जाँच की रिपोर्ट बना कर ज़िला कलेक्टर को भेज दी है।सूत्रों की माने तो ज़िला कलेक्टर नीरज सिंह मिलर सहित इस मामले में शामिल अधिकारियों पर भी कड़ी कार्यवाही करने के मूड में दिखाई दे रहे है।जिसका परिणाम अगले कुछ दिनो में देखने को मिल सकता है।

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