धान घोटालाः-बालाजी सिंडिकेट की FDR हुई राजसात!

 


पिपरियाः-बालाजी सिंडिकेट के 7 हज़ार क्विंटल से भी ज़्यादा के धान घोटाले मामले में आख़िर DMO मार्कफ़ेड को मिल मालिक के ख़िलाफ़ कड़ी कार्यवाही करनी पड़ी।पूरे मामले में बालाजी सिंडिकेट ने DMO से सरकारी चांवल दरने के अनुबंध के अनुसार दर्जनो धान के लाट आवंटित करवाए थे।परंतु इनमें से 17 लाट का क़रीब 7 हज़ार क्विंटल से भी अधिक धान का चांवल जमा नहीं कराया गया है।इसको लेकर पिछले कई दिनो से DMO कार्यालय में काग़ज़ी कार्यवाही चल रही थी। pipariyapeoples.com भी लगातार इस धान घोटाले को उठा रहा था।इस मामले में DMO कल्याण सिंह ठाकुर ने सख़्त कार्यवाही करते हुए बालाजी सिंडिकेट की 51 लाख रुपए की FDR राजसात कर मार्कफ़ेड के खाते में जमा करा दी है।DMO ने बताया कि ज़िला कलेक्टर के निर्देश पर अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन की सभी कार्यवाही बालाजी सिंडिकेट के विरुद्ध प्रस्तावित है।जो की हमारे द्वारा की जा रही है।DMO के अनुसार ऐसे मामलों में काग़ज़ी कार्यवाही करने में थोड़ा समय ज़रूर लगता है परंतु विभाग किसी भी घोटाले बाज को छोड़ेगा नहीं।आगे और सख़्त कार्यवाही बालाजी सिंडिकेट के ख़िलाफ़ होगी।

:-1 करोड़ 19 लाख के चेक हुए बाउंस-:

कस्टम मिलिंग करने वाले मिलर्स द्वारा हर धान लाट पर 7 लाख के चेक मार्कफ़ेड को जमा किए जाते है।बालाजी सिंडिकेट ने भी 17 लाट के एवज़ में क़रीब 1 करोड़ 19 लाख के चेक DMO कार्यालय में जमा किए थे।DMO कल्याण सिंह ने बताया कि यह चेक बैंक में बाउंस हो गए है।जिनकी FIR अलग से दर्ज कराने की प्रक्रिया चालू कर दी गई है।

-:ब्लैक लिस्ट नहीं हो रही राईस मिलः-

नर्मदापुरम ज़िले भर में पिपरिया विधानसभा में सबसे ज़्यादा धान घोटालो को अंजाम दिया गया है।ऐसे खुलेआम सरकारी धान बेचते पकड़ाए जाने पर महाश्री राईस मिल मालिक सुलभ जायसवाल के ख़िलाफ़ सोहगपुर थाने में FIR दर्ज की गई थी।वही बनखेड़ी में माखन लाल हरलाल सोनी राईस मिल मालिक मधु सोनी ने तो बिना बिजली कनेक्शन लिए एवं अधूरी मशीनरियों की फ़िटिंग के दम पर क़रीब 3 हज़ार क्विंटल धान आवंटित करवा ली थी।जाँच में दोषी पाए जाने पर ज़िला कलेक्टर के निर्देश पर मधु सोनी के ख़िलाफ़ तहसीलदार बनखेड़ी ने थाने में FIR दर्ज कराई थी।परंतु इसके बाद भी इन दोनो मिलो को मार्कफ़ेड द्वारा ब्लैक लिस्टेड नहीं किया गया है।सूत्रों की माने तो इसके उलट इन दोनो मिलर्स को एक बार फिर सरकारी चांवल बनाने के लिए धान आवंटित करने की योजना बनाई जा रही है।

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