धान घोटालाः-अंतिम तारीख़ निकलने के बाद भी नहीं जमा हुआ 19 लाट का चांवल!


पिपरियाः-इलाक़े में कस्टम मिलिंग करने वाली फ़र्म बालाजी सिंडिकेट द्वारा 19 लाट का क़रीब 8227 क्विंटल धान से बनने वाला चांवल अंतिम तारीख़ 4 मार्च को भी जमा नहीं कराया जा सका है।पहले चांवल जमा कराने की अंतिम तिथि 28 फ़रवरी तय की गई थी।परंतु मिलर को सुविधा देने के लिए यह तारीख़ बढ़ा कर 4 मार्च कर दी गई थी।इसके बाद भी उक्त मिल प्रबंधन ने पूरे धान के लाट जमा नहीं किए है।DMO कल्याण सिंह ठाकुर के अनुसार अंतिम दिन 3-4 लाट जमा किए गए है।जबकि हमारे सूत्रों की माने तो ख़बर लिखे जाने तक बालाजी सिंडिकेट द्वारा मात्र 2 लाट धान के चांवल जमा हो सके है।मिल प्रबंधक गुड्डु जवंधिया से इस विषय में मोबाइल पर बात करने का प्रयास किया गया तो उनका कहना था की उनकी तबियत ख़राब है।वह अभी बात नहीं कर सकते है।वही अंतिम तारीख़ के बाद भी इतनी बड़ी मात्रा में जारी धान का चांवल जमा नहीं कराया जा सका है जो की मामले में अधिकारियों की बड़ी मिलीभगत को उजागर करता है।यदि ज़िला कलेक्टर इस मामले की जाँच गंभीरता से करा लें तो मिलीभगत करने वालों के नाम उजागर हो सकते है।परंतु फ़िलहाल DMO के सामने सबसे बड़ा चैलेंज बची हुई धान को बरामद करने का है।DMO श्री ठाकुर ने बताया की शासन के नियमानुसार चांवल जमा नहीं हुए तो मिल मालिक पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

1 लाट में कितनी धान होती है

DMO को मार्कफ़ेड़ का ज़िला अधिकारी कहा जाता है जो की सरकारी धान के लाट मिल मालिकों को चांवल बनाने के लिए रिलीज़ किया करता है।DMO द्वारा जारी 1 लाट में क़रीब 433 क्विंटल धान की मात्रा होती है।जिसके एवज़ में मिल मालिक को 3 लाख की FDR एवं 7 लाख का चेक DMO को जमा कराना होता है।जिसके बाद धान का आवंटन होता है।परंतु इसके बाद भी उक्त मिल मालिक चांवल जमा नहीं करा पा रहा है।जिसके चलते उसकी यह FDR जप्त हो सकती है।

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