धान घोटालाः-कलेक्टर की सख़्ती से हुई थी FIR,पुलिस की मेहरबानी से अभी भी चल रही जाँच!
पिपरियाः-बनखेड़ी में DMO द्वारा दी गई सरकारी धान घोटाला करने वाले राईस मिलर माखनलाल हरलाल सोनी फ़र्म के मालिक मधु सोनी के ख़िलाफ़ बनखेड़ी थाने में सरकारी धान को खुर्द-बुर्द करने की FIR दर्ज हुए एक माह का समय हो चुका है।परंतु अभी भी पुलिस केवल जाँच करने के नाम पर राईस मिल मालिक पर मेहरबानी बनाए हुए है।मिल मालिक की न तो गिरफ़्तारी हो रही है और न ही जाँच को गति प्रदान की जा रही है।जबकि इस मामले में कलेक्टर की दखलंदजी से SDM पिपरिया की ओर से पटवारी चुन्नीलाल धुर्वे ने जाँच प्रतिवेदन बनखेड़ी थाने में दिया था।जिसके आधार पर धारा 420,406 के तहत मधु सोनी के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की गई थी।इस मामले में प्रारम्भिक जाँचकर्ता बनखेड़ी तहसीलदार राजेश बौरासि ने मिल का भौतिक सत्यापन किया था।जिसमें 2165 क्विंटल सरकारी धान कम पाई गई थी।जबकि मिलर ने 7 लाट में क़रीब 3 हज़ार क्विंटल धान उठाई थी।जिसका चांवल उसे बना कर सरकार को जमा करना था।मिल में बिजली कनेक्शन तक नहीं लिया गया था।इसके बाद भी मिल को सरकारी धान आवंटित कर दी गई थी।मामले का खुलासा होने के बाद ज़िला कलेक्टर नीरज सिंह ने काफ़ी नाराज़गी व्यक्त करते हुए मिल मालिक के ख़िलाफ़ यह FIR दर्ज करने के आदेश दिए थे।परंतु कलेक्टर की सख़्ती के बाद भी पुलिस ने FIR तो लिखी परंतु आज तक बनखेड़ी पुलिस जाँच के नाम पर मिल मालिक को राहत देती दिख रही है।जबकि पुलिस को अभी तक आरोपी को गिरफ़्तार करना था।मामले में टी.आई उमेश तिवारी का कहना है की बिजली विभाग सहित कई विभागों से रिपोर्ट माँगी गई है।मामला काफ़ी पेचीदा है इसके चलते काफ़ी काग़जी कार्यवाही करनी पड़ रही है।वही जानकारो के अनुसार ज़िले भर में कस्टम मिलिंग में रोज़ाना नए-नए घोटाले निकल रहे है।इसको लेकर कलेक्टर नीरज सिंह काफ़ी नाराज़ है।इन मामलों में अब सरकारी अधिकारियों पर भी कार्यवाही हो सकती है।
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