फिर ग़ायब हुई 9 हज़ार क्विंटल सरकारी धान,मिलर् ने जमा नहीं किए चांवल!


पिपरियाःइन दिनो नर्मदापुरम ज़िला भर में सरकारी धान से चांवल बनाने की योजना में अधिकारियों की मिलीभगत से भारी घोटाला चल रहा है।इस घोटाले का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है की सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान ख़रीदी योजना में इन कस्टम मिलों को आवंटित धान को पुनः अधिकारियों एवं सहकारी समिति की मिलीभगत से राज्य सरकार को ही तुलवा दिया गया है।धान के बदले सरकार को जमा किए जाने वाले चांवल को अन्य प्रदेशों से बुलवा कर FAQ क्वालिटी का बता कर जमा कराया जा रहा है।ऐसा ही एक घोटाला पिपरिया की बालाजी सिंडिकेट राईस मिल में उजागर हुआ है।हमारे सूत्रों की माने तो इस मिलर ने  विभाग द्वारा निर्धारित समय सीमा के बाद भी धान के क़रीब 21 लाट के चांवल जमा नहीं कराए है।मार्कफ़ेड अधिकारियों की माने तो ज़िला भर में कस्टम मिलिंग के चांवल जमा कराने के लिए 28 फ़रवरी का अंतिम दिन तय किया गया था।DMO कल्याण सिंह ठाकुर ने बताया कि ज़िले भर के राईस मिलर ने तय समय में तो चांवल जमा कर दिए है।परंतु पिपरिया के बालाजी सिंडिकेट ने सैंकड़ों लाट धान आवंटित करा ली थी परंतु उसमें से 21 लाट का क़रीब 9 हज़ार क्विंटल धान का अभी तक चांवल जमा नहीं किया है।जबकि DMO लगातार इन लाटों का चांवल जमा कराने के लिए प्रयासरत रहे परंतु बालाजी मिल प्रबंधन ने किसी भी अधिकारी को गंभीरता से नहीं लिया।सूत्रों की माने तो इस पूरे घोटाले की सूक्ष्म जाँच करवाई जाए तो इसमें बड़ी मिलीभगत उजागर हो सकती है।

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