राईस मिलर्स को फ़ायदा पहुँचाने सरकारी धान को बारिश में भिगा दिया!




पिपरियाः-यह बात सुनने में बहुत अटपटी सी लग रही है की राईस मिलर्स को फ़ायदा पहुँचाने सरकारी धान को बारिश में भिगो दिया गया है।परंतु यही हक़ीक़त है की समर्थन मूल्य पर ख़रीदी गई धान को सुरक्षित रखने की ज़िम्मेदारी जिन अधिकारियों पर थी वह जिम्मेदार सरकारी  धान को सुरक्षित रखने के बजाय राईस मिलर्स की धान को महफ़ूज़ करने में जुटे रहे जिसके परिणाम स्वरूप पिपरिया-बनखेड़ी में लाखों क्विंटल सरकारी धान बे मौसम बारिश में भीग गई।धान की बम्पर फसल को देखते हुए सरकार ने निर्णय लिया था की वेयर हाउसिंग कारपोरेशन द्वारा अनुबंधित निजी वेयर हाउस गोदामों में समर्थन मूल्य पर ख़रीदी गई धान का ही भंडारण किया जाएगा।परंतु भारी भ्रष्टाचार करते हुए एवं नियमो की धज्जियाँ उड़ाते हुए पहले राईस मिलर्स की धान को इन गोदामों में रखने की अनुमति दे दी गई।अब यह अनुमति किसने दी इसके सवाल पर वेयर हाउस कारपोरेशन के चीफ कमर्शियल मैनेजर AK दहेद का कहना है की हमारे द्वारा ऐसी गोदामों को अनुमति दी गई है जो व्यापारियों का माल रखना चाहती है।परंतु जब दहेद से पूछा गया कि सरकारी माल को रखने की जगह कम पड़ रही थी तो ऐसे में आप कैसे व्यापारियों को फ़ायदा पहुँचा सकते हो।इस सवाल का जवाब देने के बजाय AK दहेद ने फ़ोन काटना उचित समझा।वही सूत्र बताते है की इस तरह से अनुबंधित गोदामों में निजी अनाज को भरना पूरी तरह से नियम विरुद्ध है परंतु इसके बाद भी इलाक़े के प्रभावशाली राईस मिलर्स को खुली छूट दी गई है को की उच्च स्तरीय जाँच का विषय है।

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