दिन में कांग्रेस के ज़मीनी कार्यकर्ताओं ने खाए सरकार के डंडे,शाम को “कमलनाथ” ने खाए विजयवर्गीय के भुट्टे!



भोपाल:-राजनीति में कोई किसी का स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता है।यह कहावत बुधवार को राजधानी भोपाल में चरितार्थ होती दिखाई दी।जंहा दिन में सूबे की भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ हज़ारो कांग्रेस नेताओ एवं कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के घर का घेराव करने का उग्र आंदोलन किया।तो वही शाम को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ सहित तमाम वरिष्ठ कांग्रेस नेताओ ने भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय द्वारा आयोजित “भुट्टा पार्टी”में शामिल हो कर मालवा के लज़ीज़ व्यंजनों का लुत्फ़ उठाया।एक ओर दिन में युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास सहित तमाम कांग्रेस विधायक आंदोलन में शामिल हुए जिसमें पुलिस ने वाटर कैनन की मदद से इन आंदोलनकारियों को न केवल खदेड़ा बल्कि लाठी चार्ज कर कई लोगों को घायल तक कर दिया।वही शाम को अपनी ही पार्टी के नेतृत्व को भाजपा नेता की भुट्टा पार्टी में एंजॉय करते देख आम कांग्रेसी कार्यकर्ता का खून खौल उठा।सोशल मीडिया पर दोनो ही कार्यक्रम की फ़ोटो जम कर वायरल हो रही है।जिसमें आंदोलन कर रहे कांग्रेसी कार्यकर्ताओ की जम कर खिल्ली उड़ाई जा रही है।इस वायरल फ़ोटो को लेकर लोगों का कहना है कि आम ज़मीनी कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा सरकार के विरोध का झंडा ले कर घूम रहा है परंतु दूसरी ओर कांग्रेस की टिकिट पर चुनाव जीत कर आए नेता तो भाजपा नेताओ के साथ हाईप्रोफ़ाइल पार्टी में शिरकत कर रहे है।

कांग्रेस-भाजपा की खिंचतान में नहीं चली विधानसभा

आम जनता भी अपने नेताओ के इस दोहरे चरित्र को देख कर अचंभित दिखाई दे रही है।लोगों का कहना है की कांग्रेस-भाजपा के नेताओ ने सत्र में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा कर 

विधान सभा के मानसून सत्र को तो कुछ ही घंटो में ख़त्म कर दिया परंतु उसी विधानसभा भवन में भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय की भुट्टा पार्टी में सभी कई घंटो तक एक दूसरे के साथ प्रसन्नचित मुद्रा में दिखाई दिए।इस भुट्टा पार्टी में तो कोई किसी दल का नेता लग ही नहीं रहा था।सभी आपस में करीबी दोस्त की तरह व्यवहार कर रहे थे।जागरूक जनता का कहना है की भुट्टा पार्टी में चल रहा व्यवहार यदि विधानसभा के अंदर जनहित में थोड़ा सा भी रहता तो मध्य प्रदेश विकास के पथ पर दौड़ रहा होता।

कांग्रेस नेतृत्व तक पहुँची बात

कांग्रेस नेताओ के इस तरह के व्यवहार की शिकायत राहुल गांधी तक पहुँचा दी गई है।जिसमें कहा गया है की कमलनाथ को मिले कई पदों से इन्हें जल्द हटाया जाए।क्योंकि पार्टी का आम कार्यकर्ता तो जी जान से सरकार के ख़िलाफ़ होने वाले आंदोलन में भाग ले कर लाठी-डंडे खा रहा है।परंतु सूबे का शीर्ष नेतृत्व भाजपा के साथ गलबहियाँ कर रहा है।

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