वेयर हाउस एसोसिएशन ने दान दी 1 आक्सीजन मशीन,जागरूक बोले शर्म भी नहीं आती “सेठों”को!
पिपरिया:-नगर में कोरोना महामारी के दौरान हर कोई अपनी ओर से यथा शक्ति मदद कर समाज सेवा करने में लगा हुआ है।कोई ज़रूरत मंदो को खाना बाँट रहा है तो कोई मरीज़ों को नि शुल्क आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवा रहा है।परंतु इस विपरीत परिस्थिति में भी शहर के कई “धन्ना सेठों”के संगठन अब भी छोटी सी मदद कर अखबारो सोशल मीडिया पर वाही-वाही बटोरने सहित फ़ोटो छपवाने के काम में लगे हुए है।एशिया के सबसे ज़्यादा वेयर हाउस पिपरिया में है।जिनमे लाखों बोरे अनाज भराव की क्षमता है।इन वेयर हाउसो का एक संगठन है “वेयर हाउस एसोसिएशन” जिसके पदाधिकारियों ने हाल ही में सरकारी अस्पताल में 30-32 हज़ार रुपए क़ीमत की आक्सीजन मशीन दान दी है।एसोसिएशन में जो “सेठ” लोग शामिल है।उनके गोदामों में क़रीब 30 लाख बोरा अनाज का भराव हर साल होता है।जिसमें से लगभग 80 प्रतिशत तो सरकारी गेंहु-धान का भंडारण होता है।ऐसे में सरकारी अस्पताल को मिले इनके दान पर जागरूक लोगों का कहना है की शहर में आइ विपदा के समय भी वेयर हाउस एसोसिएशन जैसी धनाढ्य
संस्था इतनी छोटी सोच के साथ चल रही है।जो की पिपरिया के लिए बहुत ही शर्मनाक है।
:-सरकार से लाखों रुपए मिलता है किराया:-
इन वेयर हाउस मालिकों की गोदामों में केंद्र व राज्य सरकार गेंहु-धान का भंडारण किया करती है।जिसके एवज़ में इनको 7 रुपए 90 पैसे प्रति क्विंटल किराया निर्धारित किया गया है।अधिकतर वेयर हाउस मालिक सरकार की इस योजना का लाभ उठा रहे है।राज्य सरकार हर माह इन वेयर हाउस मालिकों को लाखों रुपए किराया दिया करती है।परंतु इसके बाद भी यह “धन कुबेर” व्यापारी महामारी के समय अपने नगर की जनता के लिए ज़्यादा दान नहीं देने की सोच ही रखे हुए है।
:-पचमढ़ी उत्सव में देते है लाखों रुपए चंदा:-
हर साल ज़िला प्रशासन पचमढ़ी उत्सव का आयोजन किया करता है।इस आयोजन में वेयर हाउस एसोसिएशन हर वर्ष लाखों रुपए का चंदा दिया करता है।जबकि यह उत्सव तो पचमढ़ी में आयोजित होता है।जबकि सभी वेयर हाउस पिपरिया में स्थित है।हमारे सूत्रों की माने तो एसोसिएशन के कुछ पदाधिकारी अपने निजी संबंध प्रशासनिक अधिकारियों से बनाने के चक्कर में बाँकी वेयर हाउस मालिकों से भी चंदा दिला दिया करते है।
:-पासा नदी में दिया था डेढ़ लाख का चंदा:-
हाल ही में पिपरिया के तत्कालीन SDM मदन सिंह रघुवंशी ने पासा नदी के सौंदर्यकरण का काम शुरू किया था तो वेयर हाउस एसोसिएशन ने क़रीब 1 लाख 50 हज़ार रुपए का चंदा दिया था।एसोसिएशन में शामिल कई वेयर हाउस मालिकों ने तो अलग-अलग निजी तौर पर भी हज़ारों रुपए का चंदा पासा नदी अभियान में दिया था।परंतु वर्तमान में ऐसा लगता है की यह महामारी नदी की सौंदर्यता अभियान से बहुत छोटी है।तभी इन “सेठों” ने मात्र 30-32 हज़ार की आक्सीजन मशीन अस्पताल को दान दी है।
:-वेयर हाउस बनाने में मिलती है लाखों की सब्सिडी:-
पिपरिया में क़रीब 90 लाख क्विंटल अनाज रखने की क्षमता वाले वेयर हाउस बने हुए है।जिसमें एसोसिएशन में शामिल 30 लाख क्विंटल की भराव क्षमता वाले गोदाम है।
इन गोदामों को बनाने में केंद्र सरकार ग्रामीण भंडारण योजना के तहत करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट पर 25 से 33 प्रतिशत की सब्सिडी देती है।जानकर बताते है की सब्सिडी से मिलने वाली राशि से ही वेयर हाउस बन ज़ाया करता है।
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