पुलिस-प्रशासन की गले की हड्डी बना विधुत मंडल-किसान विवाद!



पिपरिया-:हाल ही में विधुत मंडल ने मोकलवाडी गाँव में किसान का ट्रेक्टर कुर्क करने की कार्यवाही करने के दौरान किसानो से अभद्रता की थी।इसके बाद ग़ुस्साए किसानो ने मंडल DE पूनम तुकाराम सहित कई अधिकारियों के साथ मारपीट कर दी थी।इस मामले में अब पुलिस-प्रशासन काफ़ी परेशान हो गया है।एक ओर जंहा किसानो के ख़िलाफ़ मंडल अधिकारियों ने FIR दर्ज कराई है तो वही किसानो का कहना है की घटना की रात को विधुत मंडल में काम करने वाले कई दर्जन कर्मचारियों ने रात में घर में घुस कर किसान की महिला से मारपीट की है।किसान आंदोलन कर रहे है तो वही विधुत मंडल कर्मचारी DE के इशारों पर तहसील का घेराव तक कर चुके है।इस पूरे मामले में पुलिस-प्रशासन काफ़ी हालाकान हो रहा है।

:-DE का कहना जनप्रतिनिधि करेंगे घेराव,मिले पुलिस सुरक्षा:-

DE पूनम तुकाराम ने एक पत्र मंगलवारा थाना को लिखते हुए पुलिस सुरक्षा की माँग की है।DE के अनुसार 1 मार्च को जनप्रतिनिधि और किसान विधुत मंडल कार्यालय का घेराव कर सकते है।हमें सुरक्षा प्रदान की जाए।वही किसानो और जनप्रतिनिधियो का कहना है की हमारा फ़िलहाल विधुत मंडल कार्यालय घेरने का कोई इरादा नहीं है।परंतु इस पत्र में DEने सोशल मीडिया को जानकारी का स्त्रोत बताया है जबकि सरकार सोशल मीडिया पर फेलाई का रही सूचना से सतर्क रहना सिखाती है।

:-सरकारी गाड़ियों में निकाली रैली:-

विधुत मंडल कर्मचारी-अधिकारियों ने इस घटना से आहत हों कर एवं आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए एक वाहन रैली का आयोजन किया था।जिसमें सरकारी वाहनो का उपयोग किया गया था।इन सरकारी वाहनो से यह लोग तहसील कार्यालय पहुँचे और तहसीलदार को ज्ञापन सौंप कर कार्यवाही की माँग की थी।किसानो का कहना है की सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किसानो के ख़िलाफ़ किया जा रहा है।कांग्रेस नेता एवं अधिवक्ता धर्मेंद्र नगवंशी के अनुसार यह वाहन सरकारी है जिनका उपयोग सरकारी डीयूटी के लिए किया जाना चाहिए।परंतु विधुत मंडल इसे निजी कार्यों के लिए उपयोग कर रहा है।जो की सरासर ग़लत है।नागवंशी के अनुसार इन कर्मचारीयो से गाड़ी कि किराया और डीज़ल का खर्च वसूल किया जाना चाहिए।

:-सरकार एवं पुलिस-प्रशासन के ख़िलाफ़ हुई नारेबाज़ी:-

उक्त ज्ञापन देने के लिए मंडल कर्मचारियों ने जो रैली निकाली थी।उसमें सरकार सहित पुलिस-प्रशासन के ख़िलाफ़ जम कर नारेबाज़ी की गई जो की लोक सेवा आचरण अधीनियम के ख़िलाफ़ है।वही तहसील परिसर में प्रशासनिक अधिकारियों के सामने हुए इस घटना क्रम को दबा दिया गया है।जबकि पूरी रिपोर्ट बन कर सरकार के पास जाना चाहिए थी।परंतु बताया जा रहा है की विधुत कम्पनी के अस्थाई कर्मचारीयो ने इस तरह का कृत्य किया है।जिसमें सरकार की जम कर किरकिरी हुई है।

-:कृषि मंत्री ने बताई बेबसी:-

पिपरिया के गोविंद नगर आए सूबे के कृषि मंत्री कमल पटेल से पीड़ित किसान परिजन सहित इलाक़े के किसान नेताओं ने मुलाक़ात कर विधुत मंडल DE पूनम तूमराम के ख़िलाफ़ कार्यवाही करने की माँग रखी।किसानो के सामने तो मंत्री जी ने कड़ी कार्यवाही करने का वादा किया परंतु अकेले में एक वरिष्ठ भाजपा नेताओ को बताया की यह DE विधुत कम्पनी के एक आला अधिकारी जो CM के ख़ास हैं उनकी गुड बुक में है।इसके ख़िलाफ़ कोई कुछ नहीं कर सकता है।इस दौरान मंत्री जी ने बताया की हमारी भी कोई सुनवाई सरकार में नहीं हो पा रही है।हम किससे यह बात कहें।

:-बड़े किसान आंदोलन की आहट:-

विधुत मंडल से नाराज़गी का आलम यह है की यदि इस मामले में कुछ नहीं होता है तो इलाक़े में बड़ा किसान आंदोलन हो सकता है।पुलिस-प्रशासन भी इस बात को जान रहा है परंतु कोई कुछ भी सरकार या आलाधिकारियों तक बात नहीं पहुँचना चाहता है।फ़िलहाल कोई कड़े निर्णय नहीं लिए गए तो आने वाले समय में इलाक़े में अशांति फैलने का पूरा इंतज़ाम रहेगा।

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