नगर पालिका ने नहीं लगाई पोस्टर में फोटो, अब समर्थक लगवा रहे बड़े-बड़े फ्लेक्स!
पिपरिया-:भारतीय जनता पार्टी में इन दिनों शहर में बड़े-बड़े पोस्टर फ्लेक्स लगवाने की होड़ सी मची हुई हैं।इन पोस्टरों-फ्लेक्स में समर्थकों द्वारा भाजपा जिला अद्यक्ष माधव अग्रवाल की बड़ी से बड़ी फोटो लगवाई जा रही हैं।दरअसल पिछले दिनों नगर पालिका परिषद द्वारा गांधी वार्ड में करीब 1 करोड़ के पुल निर्माण भूमिपूजन कार्यक्रम में भाजपा जिला अद्यक्ष को नपा ने विशिष्ट अतिथि बनाया था।इस सरकारी कार्यक्रम के कई फ्लेक्स नगर पालिका ने शहर में लगवाए थे।जिनमें मुख्य अथिति सांसद राव उदय प्रताप सिंह एवं कार्यक्रम अद्यक्ष विधायक ठाकुरदास नागवंशी के बड़े फोटो लगवाए गए और भाजपा जिला अद्यक्ष को केवल विशिष्ट अथिति बता कर नाम लिखा गया था।नगर पालिका की इसी कार्यप्रणाली से नाराज हो कर जिला अद्यक्ष अग्रवाल ने उक्त जनहित के कार्यक्रम से दूरी बना ली थी।जबकि इस कार्यक्रम में सांसद राव उदय प्रताप सिंह व विधायक ठाकुरदास नागवंशी की प्रभावी उपस्थिति रही।वही भाजपा जिला अद्यक्ष की नाराजगी को दूर करने के लिए उनके समर्थकों ने एक नायाब तरीका तलाशा हैं।नपा कार्यक्रम के बाद से ही हर 2-4 दिन में अग्रवाल समर्थक शहर में दर्जनों बड़े-बड़े फ्लेक्स लगवा रहे हैं।जिनमें माधव अग्रवाल की राष्ट्रीय व प्रदेश के नेताओ से बड़ी फ़ोटो लगवाई जा रही हैं।मौका किसी के सांसद प्रतिनिधि बनने का हो या किसी नेता के जन्म दिन का हो इस दौरान लगाए जा रहे बड़े बड़े फ्लेक्स में जिला अद्यक्ष की फोटो को जितना बड़ा लगाया जा सकता हैं लगाया जा रहा हैं।सूत्रों की माने तो यह सब जिला अद्यक्ष अग्रवाल की नाराजगी को दूर करने के लिए किया जा रहा हैं।जबकि जिले की अन्य 3 विधान सभाओं में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा लगाने वाले पोस्टरों में जिला अद्यक्ष माधव अग्रवाल की फोटो बहुत छोटी और ऊपर लगाई जा रही हैं।परंतु उनकी गृह विधानसभा पिपरिया में लगने वाले पोस्टरों और कार्यक्रम में समर्थक अग्रवाल का कद पार्टी आलाकमान द्वारा दिए गए पद के अनुसार ही आंक रहे हैं।गौरतलब हैं कि भाजपा जिला अद्यक्ष का नगर पालिका के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का मुद्दा पार्टी के अंदर बड़े चटखारों के साथ सुनाया जा रहा हैं।जबकि राजनीति के जानकार अग्रवाल के इस निर्णय को गलत बताते हुए कहते हैं कि फोटो का मैटर बहुत छोटा हैं।सत्त्ताधारी दल के जिला अद्यक्ष को जनहित के कार्यक्रमों में जाना चाहिए।अग्रवाल के विरोधी उनके इस निर्णय को राजनीति में अपरिपक्वता का होना बता रहे हैं।
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