कार्यक्रम के बोर्ड को देख कर लगता हैं कि सत्ता पर संग़ठन की पकड़ कमजोर हो चली हैं!
पिपरिया-:15 महीने के संघर्ष के बाद एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी सूबे की सरकार में वापिस आई हैं।भाजपा सरकार वापिस आने से पहले संग़ठन ने प्रदेश में अपना मुखिया भी बदल दिया था।उस समय संघ से जुड़े VD शर्मा को संग़ठन की कमान सौंपी गई थी।जिसके बाद बनी भाजपा सरकार में लग रहा था कि अब संग़ठन के आदमियों को तव्वजों मिलने लगेगी।यह बात VD द्वारा जिला अद्यक्षो की पहली नियुक्ति लिस्ट में भी देखने को मिली थी।जिसमें विद्यार्थी परिषद के साथियों को ही बड़ी कम उम्र में ही भाजपा जिला अद्यक्ष बना दिया गया था।इसके बाद समझा जा रहा था कि संग़ठन के आदमी माने जाने वाले VD और उनकी टीम राज्य सरकार पर भारी रहेगी।परंतु ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा हैं।
अभी भी सार्वजनिक उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रमो में लगाए जाने वाले बैनर-पोस्टरों में केवल भाजपा जिला अद्यक्ष के नाम का ही उपयोग किया जा रहा हैं।सरकारी तंत्र इनकी फोटो लगाने से परहेज कर रहा हैं।ऐसा ही वाक्या रविवार को पिपरिया नगर पालिका द्वारा मछवासा नदी के पुल भूमिपूजन कार्यक्रम के दौरान हुआ जंहा नगर पालिका द्वारा लगाए गए फ्लेक्स में भाजपा जिला अद्यक्ष माधव अग्रवाल का नाम विशिष्ट अतिथि में छापा गया था।परंतु जिला अद्यक्ष की फोटो नहीं लगाई गई हैं।जबकि इस कार्यक्रम में मुख्य अथिति के रूप में आये सांसद राव उदय प्रताप सिंह एवं स्थानीय भाजपा विधायक ठाकुरदास नागवंशी की बड़ी बड़ी फोटो लगाई गई थी।करीब 1 करोड़ रुपये से बनने वाले इस पुल के भूमि पूजन के फ़ैलेक्स सारे शहर में नगर पालिका ने लागए थे।इससे पता चलता हैं कि अभी भी सरकारी अधिकारी भाजपा के जिला अद्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद पर बैठे लोगों को ज्यादा तव्वजो नहीं देना चाहते हैं।जबकि भाजपा सरकार में संग़ठन को ही सर्वोपरि माना जाता हैं।
-:फोटो के चलते नहीं शामिल हुए जिला अद्यक्ष-:
उक्त पुल के भूमिपूजन कार्यक्रम में भाजपा सांसद राव उदय प्रताप सिंह,स्थानीय विधायक ठाकुरदास नागवंशी, भाजपा नेता संपत मूंदड़ा,नवनीत नागपाल सहित कई नेता कार्यकर्ता शामिल हुए परन्तु भाजपा जिला अद्यक्ष माधव अग्रवाल इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए जो की नगर में काफी जनचर्चा का विषय रहा।हमारे सूत्र बताते हैं कि पिपरिया नगर पालिका द्वारा पिछले कई दिनों से भाजपा जिला अद्यक्ष को कोई तव्वजो नहीं दी जा रही हैं।दूसरी ओर सार्वजनिक कार्यक्रम में जिला अद्यक्ष का फोटो बैनर पोस्टरों में नहीं होने से उनकी नाराजगी काफी चरम पर पहुंच गई हैं।जिसके चलते ही वह सांसद-विधायक के आतिथ्य वाले कार्यक्रम में भी शिरकत करने नहीं पहुंचे।
-:इसके पहले जिला अद्यक्षों का रहा हैं जलवा-:
भाजपा सरकार में इसके पहले बने जिला अद्यक्षो का भारी जलवा रहा करता था।फिर चाहे सरकारी कार्यक्रम हो यह फिर पार्टी का कार्यक्रम हो सत्ताधारी पार्टी के जिला अद्यक्ष का न केवल सरकारी आमन्त्रण पत्रों में नाम रहता था बल्कि भूमिपूजन-उद्घाटन शिलाओं में भी अंकित रहा करता था।यह पहला मौका हैं जब जिला अद्यक्ष माधव अग्रवाल को स्वयं के नगर में ही नगर पालिका जैसी संस्था तव्वजों नहीं दे रही हैं।वही इस मामले में पूर्व जिला अद्यक्ष संपत मूंदड़ा ने बताया कि भाजपा में संग़ठन सर्वोपरि होता हैं।मेरे नाम के हजारो पत्थर जिले भर में लगे हैं।आप खुद में प्रशासनिक छमता पैदा करें।फिर देखें कैसे अधिकारी आपके आगे-पीछे घूमते हैं।फोटो वैगैराह तो छोटा मोटा मुद्दा हैं।पूर्व भाजपा जिला अद्यक्ष हरिशंकर जायसवाल का कहना हैं कि कायदे से यदि सरकारी कार्यक्रम में भाजपा जिला अद्यक्ष विशेष अथिति हैं तो उनका फोटो लगना चाहिए।क्योंकि वह भी जनप्रतिनिधी ही हैं।श्री जायसवाल के अनुसार हर जिला अद्यक्ष का काम करने का अपना अपना तरीका होता हैं।मेरे कार्यकाल में तो कलेक्टर तक पूछ कर मंच और अथिति तय करते थे।यह किसी नियम में नहीं लिखा हैं कि भाजपा जिला अद्यक्ष का नाम और फोटो सरकारी कार्यक्रम में नहीं लग सकती हैं।
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