संकट के समय सांसद-विधायक निधी नहीं वेतन भत्ते दान करने में बहादुरी हैं!
भोपाल-:कोरोना संकट से निपटने के लिए एक और जंहा समूचा देश बढ़ चढ़ कर अन्न दान और भोजन सहित कई तरह की वस्तुओं का दान दे रहे हैं।केंद्र सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए जंहा मेडिकल व्यवस्था के लिए 15 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का ऐलान किया हैं तो वही देश के नागरिको खास कर गरीब वर्ग के लिए 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपये विभिन्न योजनाओं के तहत देने का प्रावधान किया हैं।तो वही दूसरी ओर सांसद-विधायक भी अपनी निधी से राशि देने की घोषणा सोशल मीडिया पर कर रहे हैं।इसी घोषणा के जवाब में देश की जनता कह रही हैं कि यह सांसद-विधायक निधि तो जनता के कार्य करने के लिए ही होती हैं।फिर चाहे यह कोरोना के समय दान दें या फिर बाद में रोड-नाली सड़क के लिए दें इससे क्या फर्क पड़ता हैं।जनता का कहना हैं कि देश भयंकर संकट से झूझ रहा हैं ऐसे समय में तो इन सांसद-विधायकों को अपना वेतन और भत्ते भी दान करना चाहिए।आम जनता का कहना हैं कि हर चुनाव के बाद देखने में आता हैं कि सांसद-विधायकों की संपत्ति कई बार दुगनी तक हो जाती हैं जबकि यह लोग जनसेवा का कह कर राजनीति में उतरते हैं।वही कई जगह तो सांसद-विधायकों ने न केवल सांसद निधि का आवंटन किया हैं बल्कि अपने वेतन के अतिरिक्त भी दान दिया हैं।कई जगह तो सांसद-विधायक लंगर से लेकर सूखा राशन तक अपने क्षेत्र के मतदाताओं को बंटवा रहे हैं।वही पिपरिया विधानसभा से भाजपा विधायक ठाकुरदास नागवंशी ने अपना 1 माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया हैं।वही नागवंशी ने क्षेत्र के गरीबों के लिए भोजन पानी की व्यवस्था भी करी हैं।नागवंशी का कहना हैं कि यह समय राजनीति करने का नहीं हैं।समय विपरीत हैं मिल कर ही इस महामारी से निपटा जा सकता हैं।
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