शहर में ऑटो की गलत संख्या बता रहा था ट्रेफिक अमला,टीआई ने खुद चैकिंग कर जाना कितने ऑटो चल रहे हैं!
शहर में ऑटो की गलत संख्या बता रहा था ट्रेफिक अमला,टीआई ने खुद चैकिंग कर जाना कितने ऑटो चल रहे हैं!
पिपरिया-:मंगलवारा थाने के सामने शनिवार को टीआई प्रवीण कुमार ने स्वयं खड़े होकर शहर में चल रहे ऑटो को पकड़ कर थाने में खड़ा करवाया।आम जनता इस दृश्य को देख कर कुछ ज्यादा समझ नहीं पाई।बाद में पता चला कि शहर में रोजाना यह ऑटो चालक थाने से लेकर बस स्टैंड और हर मुख्य मार्गो पर जाम लगाया करते हैं।ऐसे में जब टीआई कुमरे यातायात अमले को कार्यवाही करने को बोलते हैं तो अमला इन ऑटो की संख्या 2 दर्जन के आसपास बताया करता था।परन्तु शहर के जागरूक नागरिक इन ऑटो वालो की संख्या सैकड़ो में बताते हैं।वही इसी सच्चाई को जानने के लिए टीआई ने थाने के दल-बल के साथ शनिवार सुबह से ही ऑटो की संख्या जानने के लिए उन्हें थाने में खड़ा करवाना शुरू कर दिया।इस दौरान ऑटो वालो के सभी कागजात जैसे RC बुक,बीमा और चालक का लाइसेंस भी देखा गया।इस दौरान एक सैकड़ा के करीब ऑटो संख्या समझ आई हैं।वही ऑटो वालो का कहना रहा की ट्रेफिक अमले और थाने की लड़ाई में हम गरीबो को क्यों पीसा जा रहा हैं।जबकि ज्यादातर ऑटो वाले गरीब हैं और दो जून की रोटी कमाने में लगे हैं।वही आम नागरिकों का कहना हैं कि आखिर क्यों ट्रेफिक अमला अपने टीआई को गलत जानकारी दे रहा हैं।यह समझ से परे है।
पिपरिया-:मंगलवारा थाने के सामने शनिवार को टीआई प्रवीण कुमार ने स्वयं खड़े होकर शहर में चल रहे ऑटो को पकड़ कर थाने में खड़ा करवाया।आम जनता इस दृश्य को देख कर कुछ ज्यादा समझ नहीं पाई।बाद में पता चला कि शहर में रोजाना यह ऑटो चालक थाने से लेकर बस स्टैंड और हर मुख्य मार्गो पर जाम लगाया करते हैं।ऐसे में जब टीआई कुमरे यातायात अमले को कार्यवाही करने को बोलते हैं तो अमला इन ऑटो की संख्या 2 दर्जन के आसपास बताया करता था।परन्तु शहर के जागरूक नागरिक इन ऑटो वालो की संख्या सैकड़ो में बताते हैं।वही इसी सच्चाई को जानने के लिए टीआई ने थाने के दल-बल के साथ शनिवार सुबह से ही ऑटो की संख्या जानने के लिए उन्हें थाने में खड़ा करवाना शुरू कर दिया।इस दौरान ऑटो वालो के सभी कागजात जैसे RC बुक,बीमा और चालक का लाइसेंस भी देखा गया।इस दौरान एक सैकड़ा के करीब ऑटो संख्या समझ आई हैं।वही ऑटो वालो का कहना रहा की ट्रेफिक अमले और थाने की लड़ाई में हम गरीबो को क्यों पीसा जा रहा हैं।जबकि ज्यादातर ऑटो वाले गरीब हैं और दो जून की रोटी कमाने में लगे हैं।वही आम नागरिकों का कहना हैं कि आखिर क्यों ट्रेफिक अमला अपने टीआई को गलत जानकारी दे रहा हैं।यह समझ से परे है।
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