पिपरिया कालेज में लागत लेखांकन के पेपर में आए पर्यावरण के प्रश्न,पेपर हुआ रद्द!
पिपरिया कालेज में लागत लेखांकन के पेपर में आए पर्यावरण के प्रश्न,पेपर हुआ रद्द!
पिपरिया-:शहर के पीजी कालेज में आज एक विषय के पेपर में दूसरे विषय के प्रश्न छपने से परीक्षा को रद्द करना पड़ा हैं।दरअसल बरकतउल्ला विश्वविधयालय भोपाल द्वारा आयोजित M.Com प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा इन दिनों चल रही हैं।जिसका आज लागत लेखांकन विषय का अंतिम पेपर था।बच्चे परीक्षा हॉल में बैठ गए थे।परंतु जब उनको पेपर वितरित किया गया तो देखा कि इसमें उक्त विषय से हट कर व्यवसाय और पर्यावरण के प्रश्न छापे गए हैं।विद्यार्थी कुछ समक्ष नहीं पाए क्योंकि उनने कुछ दिन पहले ही पर्यावरण-व्यवसाय का प्रश्न पत्र दिया था।आनन -फानन में कालेज प्रबंधन ने विश्व विद्यायल से संपर्क किया।इस दौरान लगभग 1 घन्टे तक बच्चे परीक्षा हॉल में ही बैठे रहे।जिसके बाद उनको बताया गया कि यह पेपर रद्द किया जाता हैं।जो अगली सूचना पर लिया जाएगा।वही इस परीक्षा को 100 से ज्यादा बच्चे देने आए थे।जिनने विश्वविद्यालय प्रशासन पर कड़ी नाराजगी जताई हैं।छात्र सौरभ श्रीवास्तव का कहना हैं कि परीक्षा में प्रश्न पत्र सबसे महत्वपूर्ण हैं परंतु यंहा तो प्रश्न पत्र छापने में ही लापरवाही बरती जा रही हैं।जो हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ हैं।
पिपरिया-:शहर के पीजी कालेज में आज एक विषय के पेपर में दूसरे विषय के प्रश्न छपने से परीक्षा को रद्द करना पड़ा हैं।दरअसल बरकतउल्ला विश्वविधयालय भोपाल द्वारा आयोजित M.Com प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा इन दिनों चल रही हैं।जिसका आज लागत लेखांकन विषय का अंतिम पेपर था।बच्चे परीक्षा हॉल में बैठ गए थे।परंतु जब उनको पेपर वितरित किया गया तो देखा कि इसमें उक्त विषय से हट कर व्यवसाय और पर्यावरण के प्रश्न छापे गए हैं।विद्यार्थी कुछ समक्ष नहीं पाए क्योंकि उनने कुछ दिन पहले ही पर्यावरण-व्यवसाय का प्रश्न पत्र दिया था।आनन -फानन में कालेज प्रबंधन ने विश्व विद्यायल से संपर्क किया।इस दौरान लगभग 1 घन्टे तक बच्चे परीक्षा हॉल में ही बैठे रहे।जिसके बाद उनको बताया गया कि यह पेपर रद्द किया जाता हैं।जो अगली सूचना पर लिया जाएगा।वही इस परीक्षा को 100 से ज्यादा बच्चे देने आए थे।जिनने विश्वविद्यालय प्रशासन पर कड़ी नाराजगी जताई हैं।छात्र सौरभ श्रीवास्तव का कहना हैं कि परीक्षा में प्रश्न पत्र सबसे महत्वपूर्ण हैं परंतु यंहा तो प्रश्न पत्र छापने में ही लापरवाही बरती जा रही हैं।जो हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ हैं।
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