नगर पालिका में नहीं मिल रही अंत्योष्टि की राशि,उधार ले कर अंतिम संस्कार कर रहे गरीब!
नगर पालिका में नहीं मिल रही अंत्योष्टि की राशि,उधार ले कर अंतिम संस्कार कर रहे गरीब!
पिपरिया-:नगर पालिका के पास शालेय खेल कूद प्रतियोगिता करवाने के लिए लाखो रुपये तो हैं परंतु गरीब परिवार में मृत्यु हो जाने पर तुरंत मिलने वाली 5 हजार रुपये की अंत्योष्टि राशी के लिए बजट नहीं हैं।दरअसल राज्य सरकार की ओर से गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले और संबल कार्ड धारियों के परिवार में मृत्यु होने पर अंत्योष्टि के लिए 5 हजार रुपये की सहायता का प्रावधान किया गया हैं।यह राशि हितग्रहियों के परिवार को तुरंत ही मिलना चाहिए।जिससे परिजन उसका अंतिम संस्कार कर सकें।परंतु पिपरिया नगर पालिका में मृत्यु के महीनों बाद भी यह राशि परिजनों को नहीं मिल रही हैं।वही अधिकारियों का कहना हैं कि जिले से बजट नहीं मिला हैं।इसके चलते राशि नहीं बंट सकी हैं। इन अधिकारियों से जब पूछा गया कि फिर गरीब कैसे अंतिम संस्कार करे।तो इनके पास कोई जवाब नहीं था।इस योजना की राशि लेने भटक रहे लोगों ने बताया कि उनने परिजनों और पड़ोसियों से पैसे उधार ले कर अंतिम संस्कार तो कर दिया इसके बाद रसोई तक हो गई।परन्तु अब राशि के लिए मजदूरी छोड़ कर नगर पालिका के चक्कर लगा रहे हैं।
पिपरिया-:नगर पालिका के पास शालेय खेल कूद प्रतियोगिता करवाने के लिए लाखो रुपये तो हैं परंतु गरीब परिवार में मृत्यु हो जाने पर तुरंत मिलने वाली 5 हजार रुपये की अंत्योष्टि राशी के लिए बजट नहीं हैं।दरअसल राज्य सरकार की ओर से गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले और संबल कार्ड धारियों के परिवार में मृत्यु होने पर अंत्योष्टि के लिए 5 हजार रुपये की सहायता का प्रावधान किया गया हैं।यह राशि हितग्रहियों के परिवार को तुरंत ही मिलना चाहिए।जिससे परिजन उसका अंतिम संस्कार कर सकें।परंतु पिपरिया नगर पालिका में मृत्यु के महीनों बाद भी यह राशि परिजनों को नहीं मिल रही हैं।वही अधिकारियों का कहना हैं कि जिले से बजट नहीं मिला हैं।इसके चलते राशि नहीं बंट सकी हैं। इन अधिकारियों से जब पूछा गया कि फिर गरीब कैसे अंतिम संस्कार करे।तो इनके पास कोई जवाब नहीं था।इस योजना की राशि लेने भटक रहे लोगों ने बताया कि उनने परिजनों और पड़ोसियों से पैसे उधार ले कर अंतिम संस्कार तो कर दिया इसके बाद रसोई तक हो गई।परन्तु अब राशि के लिए मजदूरी छोड़ कर नगर पालिका के चक्कर लगा रहे हैं।
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