हमारे जनप्रतिनिधी ट्रांसफर-पोस्टिंग में ही लगे रहे और चुनाव आ गया!
हमारे जनप्रतिनिधी ट्रांसफर-पोस्टिंग में ही लगे रहे और चुनाव आ गया!
पिपरिया-:किसी भी जनप्रतिनिधी को इलाके का विकास करने के लिए 10 साल का समय मिलना काफी भरपूर माना जाता हैं।हमें यह 10 साल तब मिले हैं जब राज्य में उसी दल की सरकार रही जिस दल के विधायक को पिपरिया विधानसभा की जनता ने रिकार्ड मतों से जीता कर भेजा हैं।बावजूद इसके पिपरिया में ऐसा कोई ठोस विकास नहीं हो सका हैं।जैसा आसपास की दूसरी विधान सभाओं में देखने को मिलता हैं।इलाके के जागरूक नागरिको की माने तो स्थानीय विधायक ने अपनी अधिकतर ऊर्जा अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग में ही खर्च कर दी।चुनाव आचार सहिंता लगने वाले दिन तक भी विधायक और नगर पालिका अद्यक्ष नगर पालिका CMO का तबादला कराने में सफल रहे।वही इसके पहले भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने SDM और विधुत मण्डल के DE और सब इंजीनियर सहित कई अधिकारियों के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए भाजपा से इस्तीफा दे दिया था।इसके बाद फिर विधायक जी पर दवाब बना और उनने भोपाल-पिपरिया एक कर SDM और विधुत मण्डल के DE-AE सहित कई लोगो का ट्रांसफर करा दिया।मण्डल कर्मचारी बताते हैं कि आज कल विधुत मण्डल में इस्तीफा देने वाले नेताजी की तूती बोलती हैं।वही सूत्रों की माने तो उक्त SDM से स्वयं विधायक ठाकुरदास नागवंशी की अच्छी-खासी घुट रही थी।SDM साहब भी हर छोटे से छोटे कार्य की स्वीकृति लेने विधायक निवास पहुंच जाया करते थे।परंतु विधायक गुट को SDM साहब द्वारा सिवनी गांव में नर्मदा नदी के कथित ठेकेदारों को संरक्षण देना नागवार गुजरा तो चुनाव पहले हुई CM-विधायक की वन टू वन मुलाकात में भी उक्त SDM के तबादले का लिखित प्रस्ताव रखवा दिया।वही सूत्र तो यह भी बताते हैं कि उक्त वन टू वन में 4 प्रस्ताव CM साहब को दिए गए थे उनमें से 3 तो तबादले-पोस्टिंग के ही थे।जबकि CM ने वन टु वन मुलाकात इसलिए रखी थी कि चुनाव के पहले विधायक अपने इलाके के सबसे ज्यादा जरूरी कार्य बताये जिससे उनको पूरे करा दिए जाएं परन्तु इस मुलाकात में भी ट्रांसफर पोस्टिंग ही प्रमुख मुद्दा रहा।वही बनखेड़ी के नागरिकों की माने तो बनखेड़ी-उमरधा-सांडिया तक बनने वाली मुख्य रोड का काम कछुआ गति से चल रहा हैं परंतु कोई कुछ नहीं कर रहा हैं।वही पिपरिया में भी तरौन से शोभापुर तक बनने वाली सड़क का काम भी कई महीनों तक बन्द पड़ा रहा ऐसे ही पचमढी रोड पर कई साल से कोल्ड स्टोरेज जला पड़ा हुआ हैं।रेलवे गेट पर बनने वाले ओवर ब्रिज का काम कछुआ गति से चल रहा हैं। पिपरिया ITI कालेज में स्टाफ की कमी हैं।पचमढी रोड पर सरकारी गर्ल्स स्कूल खुलना हैं।पिपरिया-बनखेड़ी में किसानों के लिए मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला का भवन बनकर तैयार हैं।परंतु इसमें मशीनें और स्टाफ नहीं हैं।खापरखेड़ा इलाके में नहरों का घटिया सीमेंटीकरण का मुद्दा भी जनप्रतिनिधीयों द्वारा नहीं उठाया गया हैं।वही डोकरीखेड़ा डेम में देनवा नदी का पानी मिलाने की मांग हो या फिर पिपरिया को जिला बनाने की मांग हो ऐसे कई मुद्दों पर भी जनप्रतिनिधीयों को वही तत्परता दिखानी थी जो अधिकारियों के तबादले-पोस्टिंग पर दिखाया करते हैं।वही आचार सहिंता लगने के 1 दिन पहले ही स्टेशन रोड थाने के TI का तबादला भी विधायक समर्थको की नाराजगी के चलते ही पचमढी हो गया।
पिपरिया-:किसी भी जनप्रतिनिधी को इलाके का विकास करने के लिए 10 साल का समय मिलना काफी भरपूर माना जाता हैं।हमें यह 10 साल तब मिले हैं जब राज्य में उसी दल की सरकार रही जिस दल के विधायक को पिपरिया विधानसभा की जनता ने रिकार्ड मतों से जीता कर भेजा हैं।बावजूद इसके पिपरिया में ऐसा कोई ठोस विकास नहीं हो सका हैं।जैसा आसपास की दूसरी विधान सभाओं में देखने को मिलता हैं।इलाके के जागरूक नागरिको की माने तो स्थानीय विधायक ने अपनी अधिकतर ऊर्जा अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग में ही खर्च कर दी।चुनाव आचार सहिंता लगने वाले दिन तक भी विधायक और नगर पालिका अद्यक्ष नगर पालिका CMO का तबादला कराने में सफल रहे।वही इसके पहले भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने SDM और विधुत मण्डल के DE और सब इंजीनियर सहित कई अधिकारियों के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए भाजपा से इस्तीफा दे दिया था।इसके बाद फिर विधायक जी पर दवाब बना और उनने भोपाल-पिपरिया एक कर SDM और विधुत मण्डल के DE-AE सहित कई लोगो का ट्रांसफर करा दिया।मण्डल कर्मचारी बताते हैं कि आज कल विधुत मण्डल में इस्तीफा देने वाले नेताजी की तूती बोलती हैं।वही सूत्रों की माने तो उक्त SDM से स्वयं विधायक ठाकुरदास नागवंशी की अच्छी-खासी घुट रही थी।SDM साहब भी हर छोटे से छोटे कार्य की स्वीकृति लेने विधायक निवास पहुंच जाया करते थे।परंतु विधायक गुट को SDM साहब द्वारा सिवनी गांव में नर्मदा नदी के कथित ठेकेदारों को संरक्षण देना नागवार गुजरा तो चुनाव पहले हुई CM-विधायक की वन टू वन मुलाकात में भी उक्त SDM के तबादले का लिखित प्रस्ताव रखवा दिया।वही सूत्र तो यह भी बताते हैं कि उक्त वन टू वन में 4 प्रस्ताव CM साहब को दिए गए थे उनमें से 3 तो तबादले-पोस्टिंग के ही थे।जबकि CM ने वन टु वन मुलाकात इसलिए रखी थी कि चुनाव के पहले विधायक अपने इलाके के सबसे ज्यादा जरूरी कार्य बताये जिससे उनको पूरे करा दिए जाएं परन्तु इस मुलाकात में भी ट्रांसफर पोस्टिंग ही प्रमुख मुद्दा रहा।वही बनखेड़ी के नागरिकों की माने तो बनखेड़ी-उमरधा-सांडिया तक बनने वाली मुख्य रोड का काम कछुआ गति से चल रहा हैं परंतु कोई कुछ नहीं कर रहा हैं।वही पिपरिया में भी तरौन से शोभापुर तक बनने वाली सड़क का काम भी कई महीनों तक बन्द पड़ा रहा ऐसे ही पचमढी रोड पर कई साल से कोल्ड स्टोरेज जला पड़ा हुआ हैं।रेलवे गेट पर बनने वाले ओवर ब्रिज का काम कछुआ गति से चल रहा हैं। पिपरिया ITI कालेज में स्टाफ की कमी हैं।पचमढी रोड पर सरकारी गर्ल्स स्कूल खुलना हैं।पिपरिया-बनखेड़ी में किसानों के लिए मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला का भवन बनकर तैयार हैं।परंतु इसमें मशीनें और स्टाफ नहीं हैं।खापरखेड़ा इलाके में नहरों का घटिया सीमेंटीकरण का मुद्दा भी जनप्रतिनिधीयों द्वारा नहीं उठाया गया हैं।वही डोकरीखेड़ा डेम में देनवा नदी का पानी मिलाने की मांग हो या फिर पिपरिया को जिला बनाने की मांग हो ऐसे कई मुद्दों पर भी जनप्रतिनिधीयों को वही तत्परता दिखानी थी जो अधिकारियों के तबादले-पोस्टिंग पर दिखाया करते हैं।वही आचार सहिंता लगने के 1 दिन पहले ही स्टेशन रोड थाने के TI का तबादला भी विधायक समर्थको की नाराजगी के चलते ही पचमढी हो गया।
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