वेयर हाउसों में रखे अनाज का सत्यापन करें बैंक के वरिष्ठ अधिकारी!
वेयर हाउसों में रखे अनाज का सत्यापन करें बैंक के वरिष्ठ अधिकारी!
पिपरिया-:शहर के आसपास बने लाखो अनाज बोरा स्टाक करने वाले वेयर हाउसों की सघनन जांच प्रशासन कर रहा हैं।दरअसल कई वेयर हाउसों में चने का अवैध स्टाक रखा हुआ हैं जो मौका पाते ही समर्थन मूल्य पर राज्य सरकार को टिका दिया जाता हैं।वही शहर के जागरूक नागरिको ने वित्तीय संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारियों से भी इन वेयर हाउसों में रखे अनाज का सत्यापन करने की मांग की हैं।दरअसल स्थानीय बैंक अधिकारियों और वेयर हाउस मालिको की मिली भगत से फर्जी अनाज बिल्टी बना कर करोड़ो रूपये फायनेंस किये जा रहे हैं।इनमें कई किसानों के नाम का भी उपयोग किया जा रहा हैं।बैंक के वरिष्ठ अधिकारी यदि फायनेंस अनाज का सत्यापन करते हैं तो बड़ा घोटाला सामने आ सकता हैं।चूंकि यह सभी वेयर हाउस निजी है इन पर किसी भी संस्था का कोई जोर नहीं हैं।जिसके चलते ही यह अपनी मन मर्जी से अनाज बिल्टी बना कर बैंकों से काफी कम दर पर पैसा फायनेंस करा लिया करते हैं।वही केंद्र व राज्य सरकार किसान हित में अनाज के भंडारण को बढ़ावा देने के लिए बिल्टी फायनेंस की सुविधा काफी कम ब्याज दर पर मुहैया कराती हैं परंतु इसका दुरुपयोग वेयर हाउस मालिक और बैंक के कई अधिकारियों की मिली भगत से किया जा रहा हैं।वही फायनेंस रकम का उपयोग कर बाद में यह वेयर हाउस संचालक रकम को आराम से बैंकों में जमा कर दिया करते हैं।ऐसा करने पर किसी को इस घोटाले की जानकारी भी नहीं हुआ करती हैं।
पिपरिया-:शहर के आसपास बने लाखो अनाज बोरा स्टाक करने वाले वेयर हाउसों की सघनन जांच प्रशासन कर रहा हैं।दरअसल कई वेयर हाउसों में चने का अवैध स्टाक रखा हुआ हैं जो मौका पाते ही समर्थन मूल्य पर राज्य सरकार को टिका दिया जाता हैं।वही शहर के जागरूक नागरिको ने वित्तीय संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारियों से भी इन वेयर हाउसों में रखे अनाज का सत्यापन करने की मांग की हैं।दरअसल स्थानीय बैंक अधिकारियों और वेयर हाउस मालिको की मिली भगत से फर्जी अनाज बिल्टी बना कर करोड़ो रूपये फायनेंस किये जा रहे हैं।इनमें कई किसानों के नाम का भी उपयोग किया जा रहा हैं।बैंक के वरिष्ठ अधिकारी यदि फायनेंस अनाज का सत्यापन करते हैं तो बड़ा घोटाला सामने आ सकता हैं।चूंकि यह सभी वेयर हाउस निजी है इन पर किसी भी संस्था का कोई जोर नहीं हैं।जिसके चलते ही यह अपनी मन मर्जी से अनाज बिल्टी बना कर बैंकों से काफी कम दर पर पैसा फायनेंस करा लिया करते हैं।वही केंद्र व राज्य सरकार किसान हित में अनाज के भंडारण को बढ़ावा देने के लिए बिल्टी फायनेंस की सुविधा काफी कम ब्याज दर पर मुहैया कराती हैं परंतु इसका दुरुपयोग वेयर हाउस मालिक और बैंक के कई अधिकारियों की मिली भगत से किया जा रहा हैं।वही फायनेंस रकम का उपयोग कर बाद में यह वेयर हाउस संचालक रकम को आराम से बैंकों में जमा कर दिया करते हैं।ऐसा करने पर किसी को इस घोटाले की जानकारी भी नहीं हुआ करती हैं।
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