पिपरिया में 9 साल जेल काटने के बाद युवक हुआ बाईज्जत बरी
पिपरिया में 9 साल जेल काटने के बाद युवक हुआ बाईज्जत बरी
पिपरिया। देश की लचर पुलिस एवं न्याय व्यवस्था का उदाहरण कई बार देखने को मिलता हैं। इस बार यह पिपरिया के बहुचर्चित दीपक दुबे मर्डर केस में देखने को मिला जिसमें युवक सचिन चौकसे को इस मर्डर केस में 9 साल जेल में काटने पड़े और उसके बाद वह बाइज्जत बरी हो गया हैं। इस दौरान युवक और उसके परिवार को 9 साल तक कई मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी।परंतु इसके लिए किसी भी प्रकार के मुआवजे या उस दौरान के पुलिस अधिकारीयों के खिलाफ कार्यवाही का प्रावधान नहीं हैं। युवक को अपनी आधी जवानी जेल में बितानी पड़ी। जिससे इसका पूरा परिवार तबाह हो गया। गौरतलब हैं की 2 मई 2008 को पिपरिया के इतवारा बाजार में भीषण गर्मी की दोपहर में दीपक दुबे को गोली मार दी गई थी।इस घटना में दीपक दुबे की मौत हो गई थी। वारदात के बाद पिपरिया पुलिस ने हत्या व जान से मारने की धारा 302,307,120 बी 34 का अपराध दिनेश ढिमोले,प्रिन्स गौतम, हेमन्त गौतम, बृजेश रघुवंशी,सचिन चौकसे पर दर्ज किया था।जिसमे सचिन को तुरंत ही पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया था।तब से ही सचिन चौकसे जेल में बन्द था।मामले की सुनवाई करते हुए अपर एवं सत्र न्यायाधीश आर.सी.चौरसिया के न्यायालय ने सभी आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया हैं।
पिपरिया। देश की लचर पुलिस एवं न्याय व्यवस्था का उदाहरण कई बार देखने को मिलता हैं। इस बार यह पिपरिया के बहुचर्चित दीपक दुबे मर्डर केस में देखने को मिला जिसमें युवक सचिन चौकसे को इस मर्डर केस में 9 साल जेल में काटने पड़े और उसके बाद वह बाइज्जत बरी हो गया हैं। इस दौरान युवक और उसके परिवार को 9 साल तक कई मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी।परंतु इसके लिए किसी भी प्रकार के मुआवजे या उस दौरान के पुलिस अधिकारीयों के खिलाफ कार्यवाही का प्रावधान नहीं हैं। युवक को अपनी आधी जवानी जेल में बितानी पड़ी। जिससे इसका पूरा परिवार तबाह हो गया। गौरतलब हैं की 2 मई 2008 को पिपरिया के इतवारा बाजार में भीषण गर्मी की दोपहर में दीपक दुबे को गोली मार दी गई थी।इस घटना में दीपक दुबे की मौत हो गई थी। वारदात के बाद पिपरिया पुलिस ने हत्या व जान से मारने की धारा 302,307,120 बी 34 का अपराध दिनेश ढिमोले,प्रिन्स गौतम, हेमन्त गौतम, बृजेश रघुवंशी,सचिन चौकसे पर दर्ज किया था।जिसमे सचिन को तुरंत ही पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया था।तब से ही सचिन चौकसे जेल में बन्द था।मामले की सुनवाई करते हुए अपर एवं सत्र न्यायाधीश आर.सी.चौरसिया के न्यायालय ने सभी आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया हैं।
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