शिवराज की अफसरशाही से नाराज बीजेपी "विधायक"
पचमढ़ी:-मध्य प्रदेश में पिछले 13 वर्षों से बीजेपी की सरकार हैं परंतु इस दौरान बीजेपी के अधिकांश विधायकों की सरकार के पास कोई सुनवाई नहीं हो पा रही हैं।विधायको का कहना हैं की सरकार तो हमको तव्वजो देती हैं परंतु अफसरशाही जनता से जुड़े विकास कार्यों में अड़ंगा लगा कर रखती हैं।जिसके कारण कई बार हमको जनता में नीचे देखना पड़ता हैं। इसकी शिकायत कई बार बीजेपी विधायकों ने सूबे के मुख्यमन्त्री शिवराज सिंह चौहान से 1-2-1चर्चा कर की हैं।इसमें विधायकों ने अपने विधान सभा इलाके की जन समस्याओ से तक cm को अवगत कराया हैं। इस दौरान मुख्यमन्त्री के साथ मौजूद उच्च प्रशासनिक अधिकारीयों को cm ने विधायकों की समस्या निपटारे के निर्देश भी दिए। परंतु प्रदेश की बेलगाम अफसरशाही के चलते पार्टी विधायकों तक की कोई सुनवाई नहीं हो सकी।इससे नाराज बीजेपी विधायकों ने इस बात की शिकायत बीजेपी आलाकमान से दिल्ली में करना शुरू कर दिया था। जिसके बाद से ही नाराज बीजेपी विधायकों को मनाने का दौर चल निकला हैं। दरअसल 2018 के अंत में विधान सभा के चुनाव हैं।जिसमे बीजेपी को अपने व
कार्यकर्ताओ की नाराजगी झेलनी पड़ सकती हैं। इसके चलते पचमढ़ी में बीजेपी प्रशिक्षण वर्ग आयोजित करने के बहाने विधायकों की समस्या का निराकरण करने की पुख्ता तैयारी कर रही हैं।इसके चलते ही केंद्रीय नेतृतव ने बीजेपी mp प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे व् राष्ट्रीय संघठन मंत्री रामलाल को इसकी जिम्मेदारी सौंपी हैं।
मंत्री-विधायकों में खटपट
एक और जंहा बीजेपी विधायकों की अफसर नहीं सुन रहे हैं तो वही दुसरी ओर अपने ही मंत्री उनके विकास कार्यों में अड़ंगा लगा कर रखे हुए हैं।मंत्री-विधायकों की रोज-रोज की खटपट से स्वयं मुख्यमन्त्री शिवराज सिंह भी परेशान हैं।इसके चलते ही पचमढ़ी के शांत वातावरण में मुख्यमन्त्री अपने मंत्रियों और विधायकों का एका कराने का प्रयास कर रहे हैं।चुंकी चुनाव में 2 साल से भी कम का समय बचा हैं ऐसे में सरकार को यह खट-पट महंगी साबित हो सकती हैं।
पचमढ़ी:-मध्य प्रदेश में पिछले 13 वर्षों से बीजेपी की सरकार हैं परंतु इस दौरान बीजेपी के अधिकांश विधायकों की सरकार के पास कोई सुनवाई नहीं हो पा रही हैं।विधायको का कहना हैं की सरकार तो हमको तव्वजो देती हैं परंतु अफसरशाही जनता से जुड़े विकास कार्यों में अड़ंगा लगा कर रखती हैं।जिसके कारण कई बार हमको जनता में नीचे देखना पड़ता हैं। इसकी शिकायत कई बार बीजेपी विधायकों ने सूबे के मुख्यमन्त्री शिवराज सिंह चौहान से 1-2-1चर्चा कर की हैं।इसमें विधायकों ने अपने विधान सभा इलाके की जन समस्याओ से तक cm को अवगत कराया हैं। इस दौरान मुख्यमन्त्री के साथ मौजूद उच्च प्रशासनिक अधिकारीयों को cm ने विधायकों की समस्या निपटारे के निर्देश भी दिए। परंतु प्रदेश की बेलगाम अफसरशाही के चलते पार्टी विधायकों तक की कोई सुनवाई नहीं हो सकी।इससे नाराज बीजेपी विधायकों ने इस बात की शिकायत बीजेपी आलाकमान से दिल्ली में करना शुरू कर दिया था। जिसके बाद से ही नाराज बीजेपी विधायकों को मनाने का दौर चल निकला हैं। दरअसल 2018 के अंत में विधान सभा के चुनाव हैं।जिसमे बीजेपी को अपने व
कार्यकर्ताओ की नाराजगी झेलनी पड़ सकती हैं। इसके चलते पचमढ़ी में बीजेपी प्रशिक्षण वर्ग आयोजित करने के बहाने विधायकों की समस्या का निराकरण करने की पुख्ता तैयारी कर रही हैं।इसके चलते ही केंद्रीय नेतृतव ने बीजेपी mp प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे व् राष्ट्रीय संघठन मंत्री रामलाल को इसकी जिम्मेदारी सौंपी हैं।
मंत्री-विधायकों में खटपट
एक और जंहा बीजेपी विधायकों की अफसर नहीं सुन रहे हैं तो वही दुसरी ओर अपने ही मंत्री उनके विकास कार्यों में अड़ंगा लगा कर रखे हुए हैं।मंत्री-विधायकों की रोज-रोज की खटपट से स्वयं मुख्यमन्त्री शिवराज सिंह भी परेशान हैं।इसके चलते ही पचमढ़ी के शांत वातावरण में मुख्यमन्त्री अपने मंत्रियों और विधायकों का एका कराने का प्रयास कर रहे हैं।चुंकी चुनाव में 2 साल से भी कम का समय बचा हैं ऐसे में सरकार को यह खट-पट महंगी साबित हो सकती हैं।
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