शिवराज जी अब एक यात्रा सरकारी अस्पतालों की
शिवराज जी अब एक यात्रा सरकारी अस्पतालों की
पिपरिया-सूबे की राजधानी में तक अस्पतालो के बुरे हाल हैं।हमीदिया जैसे अस्पताल में स्वयं शिवराज सिंह चौहान को जाकर व्यवस्था सुधारने के निर्देश देना पड़ा था।परंतु कुछ खास सुधार नहीं आया।आये दिन कस्बों के सरकारी अस्पतालों से मरीजों की मौत की ख़बर निकलती रहती हैं।मध्य प्रदेश कुपोषण के पायदान पर टॉप करने के लिए उतारू हो रहा हैं। तहसील के सरकारी अस्पताल डॉक्टरों के लिए तरस रहे हैं।यंहा पर एक्स रे कराने तक बाहर जाना पड़ता हैं। फिर अन्य मेडिकल जाँच का तो कुछ कहना ही क्या। मध्य प्रदेश कें कई जिलों में तो ब्लड बैंक तक नहीं हैं फिर वेंटिलेटर सहित अन्य मेडिकल सुविधाओ के लिए सरकारी अस्पताल की ओर मुंह करना ही आम आदमी के लिए मरने के सामान हैं।इसके उलट सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान नर्मदा सेवा यात्रा में पूरे सरकारी ताम झाम के साथ शामिल हो कर माँ नर्मदा का कर्ज चुकाने की बात कर रहे हैं।वही इस सेवा यात्रा में हो रहे करोडो के खर्च को देख कर जनता कह रही हैं की शिवराज जी अब एक यात्रा सूबे के सरकारी अस्पतालों की भी हो जाये।
पिपरिया-सूबे की राजधानी में तक अस्पतालो के बुरे हाल हैं।हमीदिया जैसे अस्पताल में स्वयं शिवराज सिंह चौहान को जाकर व्यवस्था सुधारने के निर्देश देना पड़ा था।परंतु कुछ खास सुधार नहीं आया।आये दिन कस्बों के सरकारी अस्पतालों से मरीजों की मौत की ख़बर निकलती रहती हैं।मध्य प्रदेश कुपोषण के पायदान पर टॉप करने के लिए उतारू हो रहा हैं। तहसील के सरकारी अस्पताल डॉक्टरों के लिए तरस रहे हैं।यंहा पर एक्स रे कराने तक बाहर जाना पड़ता हैं। फिर अन्य मेडिकल जाँच का तो कुछ कहना ही क्या। मध्य प्रदेश कें कई जिलों में तो ब्लड बैंक तक नहीं हैं फिर वेंटिलेटर सहित अन्य मेडिकल सुविधाओ के लिए सरकारी अस्पताल की ओर मुंह करना ही आम आदमी के लिए मरने के सामान हैं।इसके उलट सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान नर्मदा सेवा यात्रा में पूरे सरकारी ताम झाम के साथ शामिल हो कर माँ नर्मदा का कर्ज चुकाने की बात कर रहे हैं।वही इस सेवा यात्रा में हो रहे करोडो के खर्च को देख कर जनता कह रही हैं की शिवराज जी अब एक यात्रा सूबे के सरकारी अस्पतालों की भी हो जाये।
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