स्वयंसेवियों ने दिखाया सिस्टम को आईना
स्वयंसेवियों ने दिखाया सिस्टम को आईना
पिपरिया।पिछले कई दिनों से पिपरिया के सरकारी अस्पताल में गंदगी की ढेरों शिकायतें प्रशासन के पास पहुँच रही थी।अस्पताल में गंदगी का यह आलम था की यंहा पर लोगों का बैठना तक मुश्किल हो रहा था।व्यवस्था सुधारने की मंशा से अधिकारी तो कई बार अस्पताल पहुंचे पर नतीजा सिफर ही रहा।इलाके के सभी जनप्रतिनिधि भी अस्पताल की गंदगी को हटाने में असफल एवं असहाय नजर आए।इसके बाद जल सेवा समिति के आह्वान पर रविवार को सुबह शहर के लगभग 200 स्वयंसेवी कार्यकर्त्ता सरकारी अस्पताल पहुंचे।इन लोगो के हाथों में झाड़ू और वाइपर थे।यह कार्यकर्त्ता बिना किसी से कुछ बोले अस्पताल की साफ-सफाई में जुट गए।करीब 2 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद सरकारी अस्पताल का हर कोना चमक रहा था।इन लोगों ने स्वयं के खर्चे से हाथों में ग्लब्स और मुंह पर मास्क लगाया था।इन स्वयंसेवी कार्यकर्ताओ ने आपस में तय भी किया था की सफाई के दौरान कोई फोटो छाप कार्य नहीं किया जायेगा।इलाके लोगो ने इन कार्यकर्ताओ के कार्य को ना केवल सराहा हैं बल्कि नागरिकों का कहना हैं की राजनैतिक दलों के नुमाइंदों को भी ऐसा ही सेवा कार्य करना चाहिए।
पिपरिया।पिछले कई दिनों से पिपरिया के सरकारी अस्पताल में गंदगी की ढेरों शिकायतें प्रशासन के पास पहुँच रही थी।अस्पताल में गंदगी का यह आलम था की यंहा पर लोगों का बैठना तक मुश्किल हो रहा था।व्यवस्था सुधारने की मंशा से अधिकारी तो कई बार अस्पताल पहुंचे पर नतीजा सिफर ही रहा।इलाके के सभी जनप्रतिनिधि भी अस्पताल की गंदगी को हटाने में असफल एवं असहाय नजर आए।इसके बाद जल सेवा समिति के आह्वान पर रविवार को सुबह शहर के लगभग 200 स्वयंसेवी कार्यकर्त्ता सरकारी अस्पताल पहुंचे।इन लोगो के हाथों में झाड़ू और वाइपर थे।यह कार्यकर्त्ता बिना किसी से कुछ बोले अस्पताल की साफ-सफाई में जुट गए।करीब 2 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद सरकारी अस्पताल का हर कोना चमक रहा था।इन लोगों ने स्वयं के खर्चे से हाथों में ग्लब्स और मुंह पर मास्क लगाया था।इन स्वयंसेवी कार्यकर्ताओ ने आपस में तय भी किया था की सफाई के दौरान कोई फोटो छाप कार्य नहीं किया जायेगा।इलाके लोगो ने इन कार्यकर्ताओ के कार्य को ना केवल सराहा हैं बल्कि नागरिकों का कहना हैं की राजनैतिक दलों के नुमाइंदों को भी ऐसा ही सेवा कार्य करना चाहिए।
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