क्या शाह को राहुल गांधी को मिलने वाली सजा का पहले से आभास था!

 


राजवर्धन बल्दुआ भोपाल। कुछ ही दिन पहले नगालैंड विधानसभा चुनाव में देश के गृह मंत्री अमित शाह ने बीजेपी की रैली को सम्बोधित करते हुए कहा था कि 2024 में कांग्रेस दूरबीन से भी नहीं दिखेगी।उन्होंने कांग्रेस पार्टी के नेताओं पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप भी इस सभा में लगाया था।अब शुक्रवार को राहुल गांधी की सांसद सदस्यता को ख़त्म करते हुए उन्हें 6 साल के लिए अयोग्य घोषित करने की खबरो के बीच शाह के इस चुनावी भाषण की चर्चा ज़ोरों पर हो रही है।राजनीति के जानकारो के अनुसार मोदी-शाह की जोड़ी किसी भी बात को हवा में नहीं कहती है।गुजरात के एक वरिष्ठ पत्रकार ने बताया की राजनीति में “अमित भाई”बहुत ही दूरदृष्टि वाले नेता है।वह अपनी हर बात को बड़ी प्रमणिकता के साथ रखने के लिए जाने जाते है।भले ही लोगों और कांग्रेस ने नागालैंड की उस चुनावी सभा में अमित शाह के “दूरबीन वाले भाषण”को चुनावी नारे की तरह ही लिया हो परंतु जब गुजरात की एक निचली अदालत ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा का एलान किया और उसके बाद जब राहुल ने कई ट्वीट कर कहा की वह झुकने वाले नहीं है।फिर शुक्रवार को लोकसभा सचिवालय ने अचानक राहुल की सदस्यता ही ख़त्म करने का आदेश निकाल दिया।तब जाकर लोगों को लगा की राहुल गांधी को निचली अदालत से मिलने वाली इस सजा का आभास जैसे गृह मंत्री अमित शाह को पहले से ही था।तब ही उन्होंने इस तरह से कांग्रेस के डूबने की बात कही थी।जंहा राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राजनीति के जानकार कांग्रेस में नई जान फूँकने की बात कर रहे थे।तो वही अब बिना राहुल गांधी के चुनाव लड़े 2024 में कांग्रेस का हाल बिना कैप्टन की क्रिकेट टीम जैसा होता दिखाई देगा।यदि सही में राहुल गांधी पर 6 साल तक चुनाव लड़ने की रोक लगाई गई तो फिर 2029 में भी राहुल चुनाव नहीं लड़ पाएँगे तब तक सही में कांग्रेस की स्थिति “दूरबीन” से भी तलाश करने पर नहीं दिखेगी।

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