परिघ योग में करेंगे अपने शत्रुओं को परास्त

 परिघ योग में करेंगे अपने शत्रुओं को परास्त

ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या का बहुत महत्व रहता है और फाल्गुन अमावस्या का महत्व कुछ ज्यादा ही रहता है। इस दिन स्नान और दान की परंपरा भी हमारे हिंदू धर्म में मानी गई है। इस दिन तीर्थ में स्नान, सूर्य पूजा, पितरों की पूजा और दान करते है। अमावस्या की तिथि पर पीपल के पेड़ को जल देते हैं औ उसके नीचे दीप जलाते हैं। ऐसा करने से देवों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।


अमावस्या जब सोमवार को होती है तो वह सोमवती अमावस्या होती है, शनिवार की अमावस्या शनि अमावस्या और मंगलवार दिन की अमावस्या को भौमवती अमावस्या कहते हैं।काशी के एक ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस साल फाल्गुन अमावस्या पर परिघ योग बन रहा है। यह योग शत्रुओं के लिए घातक होता है। आइए जानते हैं फाल्गुन अमावस्या कब है, परिघ योग का महत्व, स्नान दान का मुहूर्त आदि।

पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 19 फरवरी दिन रविवार को शाम में 04 बजकर 18 मिनट से प्रारंभ हो रही है। यह अगले दिन सोमवार 20 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक मान्य है। उदयातिथि के आधार पर फाल्गुन अमावस्या 20 फरवरी को है और यह सोमवती अमावस्या है। सोमवती अमावस्या को स्नान दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

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