झाँसी में बैठा युवक देता था चर्च एवं मज़ार की लोकेशन, स्थानीय युवक करते थे तोडफोड़!

 


नर्मदापुरम।पिछले दिनो ज़िले के दो चर्च में हुए घटनाक्रम मामले में यदि पुलिस के खुलासे पर विश्वास किया जाए तो नर्मदापुरम पुलिस थाना केसला के अपराध क्रमांक 11/2023 धारा 295 आईपीसी दिनांक 12/2/23 में अज्ञात आरोपी द्वारा सुखतवा के चौकीपुरा चर्च में खिड़की की जाली तोड़कर चर्च में घुसकर चर्च में रखी सामग्री को जला दिया गया था।इसके पूर्व थाना इटारसी के अपराध क्रमांक 14/2023 धारा 295 आईपीसी में दिनांक 9/1/23 को खेडा इटारसी के चर्च में भी अज्ञात आरोपी द्वारा चर्च के गेट पर आग लगाने की घटना की गयी थी।दोनों ही मामले अत्यंत महत्वपूर्ण थे । पुलिस अधीक्षक Dr.गुरकरन सिंह द्वारा थाना इटारसी एवं केसला की 3 टीमें बनाकर अज्ञात आरोपियों कि तलाश कराई जा रही थी विभिन्न पुलिस टीमों द्वारा सीसीटीवी फुटेज खंगाले गये।मानवीय संसाधनों से जानकारी एकत्रित की गयी एवं तकनीकि साक्ष्य का उपयोग किया गया।उपरोक्त रुप से संयुक्त प्रयासों के आधार पर कल दिनांक 13/2/23 को मुख्य संदेही अवनीश पांडे निवासी जिला अयोध्या उत्तर प्रदेश वर्तमान निवासी रेल्वे क्वार्टर 12 बंगला इटारसी को अभिरक्षा में लेकर सघन पूछताछ की गयी।पूछताछ पर आरोपी से जानकारी प्राप्त हुयी की उसका मित्र आकाश तिवासी निवासी झांसी उ.प्र. गुगल लोकेशन पर चर्च एवं मजार की लोकेशन तथा फोटो भेजता था।इसके आधार पर टारगेट करके मुख्य आरोपी अवनीश पांडे द्वारा उक्त दोनों घटनाएं कारित की गयी थी।यह कार्य करने के बदले में दोनों ही बार आरोपी अवनीश को आकाश तिवारी द्वारा आनलाईन पैसे भेजे गये थे।पुलिस पूछताछ पर यह भी जानकारी प्राप्त हुयी कि समूचे घटनाक्रम के मास्टरमाईंड आकाश तिवारी द्वारा इटारसी,नर्मदापुरम तथा भोपाल के अनेक चर्च एवं मजार के लोकेशन फोटो अवनीश पांडे को भेजे गये थे।दोनों ही घटनाओं में आरोपी अवनीश पांडे पिता शोभाराम पांडे उम्र 24 साल निवासी अयोध्या उ.प्र. तथा सुखतवा कि घटना में सहआरोपी शिवा राय निवासी इटारसी को गिरफ्तार कर लिया गया है जिन्हे न्यायालय पेश किया जावेगा ।दोनों ही घटनाओं में मास्टरमाईंड आकाश तिवासी पिता राधेश्याम तिवारी निवासी झांसी उ.प्र. को नर्मदापुरम से भेजे गये विशेष पुलिस दल के द्वारा आज प्रातःअभिरक्षा में ले लिया गया है।इटारसी पहुंचते ही पूछताछ कर उसकी गिरफ्तारी की जावेगी।वही इस पूरे मामले में अभी भी कई सवालों के जवाब मिलना बाँकी है।जैसे कि आरोपी आख़िर ऐसा क्यों करता था।उसका उद्देश्य क्या था।वही चर्च व मज़ार पर हमले के लिए पैसे क्यों देता था।आरोपी के पास पैसे कंहा से आते थे।वह किसी दल या संगठन से जुड़ा तो नहीं है।बहरहाल ज़िला पुलिस कप्तान की सूझबुझ से बडे मामले का खुलासा हो सका है।

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