रजिस्ट्री कार्यालय में भ्रष्टाचार बना शिष्टाचार रजिस्ट्री के नाम पर सर्विस प्रोवाईडर ले रहे मनमाना पैसा उप पंजीयक कार्यालय में जनता की नहीं हो रही सुनवाई


पिपरिया। शहर के उप पंजीयक कार्यालय में इन दिनों जम कर भ्रष्टाचार चल रहा है।जमीन की खरीदी-फरोख्त हो या फिर उप पंजीयक कार्यालय से संबंधित कोई भी कार्य हो। यहां बिना ऊपरी लेन देन के कुछ भी नहीं हो रहा है।  रजिस्ट्री कार्यालय के इस भ्रष्टाचार से जहां आम जनता परेशान है तो वही कार्यालय में पदस्थ स्टाफ सहित रजिस्ट्री के लिए अधिकृत सर्विस प्रोवाईडर जम कर चांदी काट रहे है। दरसअल सरकार ने रजिस्ट्री में लगने वाले सरकारी शुल्क  के अलावा बड़े पैमाने पर होने वाले इसी भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए आन लाईन रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू की है। जिसमें रजिस्ट्रीकर्ता स्लाट बुक किया करते है।परंतु इसके बाद भी नागरिकों को रजिस्ट्री कराने के लिए उप पंजीयक कार्यालय द्वारा अधिकृत सर्विस प्रोवाईडरों के पास जाना ही पड़ता है। यह सर्विस प्रोवाईडर ही रजिस्ट्री कराने के लिए इतने सारे शुल्क और कागजी कार्यवाही बताया करते है की रजिस्ट्री कराने आने वाला शख्स इस प्रक्रिया को काफी जटिल समझ लेता है। इसके बाद वह सर्विस प्रोवाईडर के ऊपर ही पूरा मामला छोड़ कर सिर्फ पैसा खर्च कर रजिस्ट्री कराने में ही अपनी भलाई समझा करता है। इसी मौके का फायदा उठा कर सर्विस प्रोवाईडर ऊपरी खर्चे के नाम पर प्रति रजिस्ट्री हजारों रूपया वूसल रहे है। वही आम जनता का कहना है की कई बार इस बात की शिकायत करने का प्रयास किया गया है की आखिर जब शासन को रजिस्ट्री शुल्क दे रहे है तो फिर क्यों ऊपरी पैसा मांगा जाता है। परंतु इस तरह के सवाल जवाब करने वालों को सर्विस प्रोवाईडर डरा दिया करते है।

-ऊपर भेजने के नाम पर मांगते है रूपए-

नाम न छापने की शर्त पर एक सर्विस प्रोवाईडर ने बताया की रजिस्ट्री कार्यालय में वैसे तो हर काम आन लाईन ही हो रहा है। परंतु रजिस्ट्री स्लाट के बुक होने के साथ ही ऊपरी पैसे का हिसाब जुड़ जाया करता है। इस सर्विस प्रोवाईडर ने बताया की उप पंजीयक कार्यालय में बताया जाता है की यह पैसा ऊपर तक देना होता है। इसके चलते ही हमारी भी मजबूरी है की हम रजिस्ट्री करने वाले से खर्चे के नाम पर राशि जोड़ कर ही बताया करते है। 

 

-नए लोगों को नहीं जमने देते-

नगर में रजिस्ट्री करने वाले पुराने सर्विस प्रोवाईडर नए लोगों को जमने नहीं देते है। यह क्योंकी नए सर्विस प्रोवाईडर काफी कम खर्च में भी रजिस्ट्री करवा दिया करते है। नए सर्विस प्रोवाईडरों का कहना है की हमे तो हमारी मेहनत का पैसा मिल जाए। इससे ज्यादा हमे कुछ नहीं चाहिए।परंतु पुराने सर्विस प्रोवाईडर इन नए लोगों को उप पंजीयक से मिल कर जमने नहीं देते है।

-भ्रष्टाचार नहीं देने वाले की निकाते है गलतियां-

कई सर्विस प्रोवाईडरों से जब पूछा गया की रजिस्ट्री कराने वाला शासन का पूरा शुल्क दे रहा है तो फिर ऊपरी खर्चे के नाम पर उससे पैसा क्यों वसूला जाता है। इस पर सर्विस प्रोवाईडरों का कहना है की उप पंजीयक कार्यालय में ऊपरी पैसा नहीं देने पर हमारी रजिस्ट्री कागजातों में गलती निकाली जाती है। रजिस्ट्री कराने आने वाली हमारी पार्टी के सामने ही हमे कई तरह की बातें सुनाई जाती है।कागजातों में कमी निकाल कर हमे फिर से स्लाट बुक कराने को कहा जाता है।ऐसे में हमारे ग्राहक किसी अन्य सर्विस प्रोवाईडरों के पास चले जाते है। इसके चलते ही हम लोग भी मजबूरी में भ्रष्टाचार को शिष्टाचार समझ कर काम कर रहे है।

 “शाम को दूंगा जवाब

 उप पंजीयक कार्यालय में फैले इस भ्रष्टाचार पर जब उप पंजीयक राकेश वर्मा से बात करने का प्रयास  किया  गया तो उनका कहना था की वह अभी रजिस्ट्री करने में व्यस्त है।इसके लिए शाम को सभी सवालों के जवाब देगें।”

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