दो दिन में आटा 150 और गेहू के भाव 300 रुपए क्विंटल नीचे आए


भोपाल।घरेलू बाजारों में गेहूं के बड़े संकट के बीच बीते दो दिन में आटा एवं गेहूं के भाव में क्रमशः 150 से 300 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट आ गई है। इस गिरावट का मुख्य कारण केन्द्र सरकार द्वारा 20 से 30 लाख टन गेहूं भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से बेचने का निर्णय लेना है।यह गेहूं बाजार में आता है तो बाजार में एक से डेढ़ माह की आपूर्ति हो जाएगी।जब तक नया गेहूं बाजार में आने लगेगा। एफ़सीआई 2350 रुपए क्विंटल पर गेहूं बेचेगी।

दरअसल बाजारों में गेहूं की कमी के चलते गेहूं एवं इसके उत्पादों के भाव में आसमानी तेजी आ गई है।पिछले साल से अब तक इसमें 37 फीसदी से अधिक तेजी आ चुकी है।इस महंगाई को थामने के लिए सरकार ने अपने बफर स्टॉक में से 20 लाख टन गेहूं बेचने की घोषणा की है।इस घोषणा के बाद से ही गेहूं एवं उसके उत्पादों में गिरावट आने लगी है।मिल क्वॉलिटी का आटा गेहूं के भाव बाजार में 3000/3100 रुपए पहुंच गए थे, वे अब 2700/2800 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गए है।इसी प्रकार आटे के भाव 150 रुपए जाएगा। क्विंटल तक की मंदी आ चुकी है।सोमवार को बाजार खुलने पर और भी मंदी की


-टेंडर पर लगी है नजर-

प्रदेश में गेहूं की पैदावार ज्यादा होती है लेकिन दूसरे प्रांतों से गेहूं की मांग बनी रहने से यहां स्टॉक नहीं बचा है।इसलिए आगामी 2 फरवरी को होने वाले गेहं के टेंडर पर राज्य के साथ दूसरे प्रांतों के स्टॉकिस्ट, मिलर्स की नजर भी लगी हुई है।


“सरकार की गेहूं बेचने की घोषणा से अगले सप्ताह तक आटे में 400/500 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट आने की संभावना है। सरकार ने पर्याप्त मात्रा में गेहूं देने की घोषण की है। इससे गेहूं बेचने की घोषणा से थोक मार्केट की डिमांड पूरी हो जाएगी।बाजार में आटा 100 से 150 फ्लोर मिलों को भी पर्याप्त गेहूं मिल जाएगा।

-सुनील अग्रवाल,अध्यक्ष म.प्र रोलर फ़्लोर मिल एसोसएशन-


-क्या कहते हैं व्यापारी-

गेहूं के होलसेल कारोबारी संजीव जैन का कहना है कि पिछले एक सप्ताह में 400/500 रुपए प्रति क्विंटल की जो तेजी गेहूं में आई थी, उसमें से बीते दो दिन में 300 रुपए क्विंटल की गिरावट आई है। अगले माह गेहूं के होने जा रहे टेंडरों के बाद और भी गिरावट की संभावना बन सकती है। आटा-मैदा के थोक कारोबारी दीपक पंसारी का कहना है कि सरकार की रुपए तक टूट गया है। हालांकि अभी आटा-मैदा, रवा, सूजी आदि में उठाव रोलर फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन कमजोर बना हुआ है।

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