जनपद में नहीं है पूरा स्टाफ, कैसे होगा ग्राम विकास


राजवर्धन बल्दुआ,पिपरिया। ग्रामीण विकास के सपने को सकार करने वाली पिपरिया जनपद पंचायत इन दिनों कार्यालय में पदस्थ स्टाफ की कमी से जूझ रही है। जनपद पंचायत के अंर्तगत करीब 52 पंचायत आती है। जिनसे संबंधित काम जनपद मुख्यालय पर किए जाते है। परंतु जनपद कार्यालय में स्वीकृत आधे से ज्यादा पद खाली पड़े हुए है। वही मौजूदा अधिकारियों-कर्मचारियों के पास जनपद के दूसरे विभागों की अतिरिक्त जिम्मेदारी दे कर काम चलाया जा रहा है। ऐसे में जनपद पंचायत से संचालित होने वाली ग्राम विकास योजनाओं की रफ्तार काफी धीमी गति से चल रही है। जनपद में पदस्थ कर्मचारियों की माने तो काम को ज्यादा बोझ होने के कारण कर्मचारी चिढ चिढे होते जा रहे है।कर्मचारियों का कहना है की एक से ज्यादा शाखा का प्रभार मिला हुआ है।ऐसे में देर शाम तक जनपद के कार्यों को बैठ कर निपटाना होता है। कर्मचारियों की माने तो जल्द से जल्द यदि स्टाफ पूरा नहीं हुआ तो विकास योजना ठप्प हो जाएगीं।

 -कहां कितने पद रिक्त-


जनपद पंचायत पिपरिया में मुख्य कार्यपालन अधिकारी का पद तक रिक्त पड़ा हुआ है। इस पद का प्रभार एसडीएम नितिन टाले को दिया गया है।विकास शाखा में लेखापाल का पद रिक्त है।सहायक ग्रेड 2 के बाबू के पद भी रिक्त पड़े हुए है। पीसीओ के करीब 7 पद है। परंतु वर्तमान में मात्र 4 पीसीओ ही काम कर रहे है। उनमें से भी कई पीसीओ कार्यालय काम ही संभाल रहे है।सहायक विकास विस्तार अधिकारी के 5 पद है। जिसमें से 1 विस्तार अधिकारी ही जनपद में तैनात है।इसी तरह से जनपद बाडी में लेखापाल का पद खाली है।जिस पर पीसीओ को बैठा कर काम चलाया जा रहा है।इसी तरह से 5 बाबू होना चाहिए परंतु 3 बाबू ही पदस्थ है।सब इंजीनियर 5 होना चाहिए लेकिन वर्तमान में 2 सब इंजीनियर है। निर्माण कार्यो को सुचारू रूप से चलाने के लिए सर्व शिक्षा अभियान से 2 इंजीनियर एवं 1 आरईएस की विभाग से इंजीनियर को जनपद में अटैच किया गया है। पंचायत निरीक्षक का पद भी खाली पड़ा हुआ है।

-जनपद के विभाग हो रहे प्रभावित-

स्टाफ की कमी के चलते जनपद पंचायत पिपरिया के अंर्तगत आने वाली कई शाखाओं के काम प्रभावित हो रहे है। इसमें प्रमुख रूप से स्वच्छ भारत मिशन,पंचायत शाखा,प्रधानमंत्री आवास, मुख्यमंत्री हेल्प लाईन, सामाजिक न्याय,सूचना का अधिकार सहित कई विभाग अपने काम समय पर नहीं कर पा रहे है।

-मैदानी अमला संभाल रहा कार्यालय-

जनपद पंचायत के अंर्तगत करीब 52 पंचायत आती है। मुख्यालय पर स्टाफ की कमी के चलते फील्ड के काम करने वाले स्टाफ को कार्यालय में तैनात किया जा रहा है। जनपद में 10 पंचायत पर 1 इंजीनियर होना चाहिए जो की विभिन्न निर्माण कार्यों की गुणवत्ता देख सके परंतु ऐसा नहीं हो पा रहा है।इसके चलते सचिव मनमानी से गुणवत्ता विहिन कार्य कर रहे है। इसी तरह से पंचायतों सचिव के ऊपर पीसीओ तैनात किए गए है।7 पीसीओ में से 4 पीसीओ ही काम कर रहे है। इनमें से भी 1 पीसीओ राम लल्लू को बड़े बाबू का काम सौंप दिया गया है। पीसीओ जनपद शाखाओं के कार्यो के चलते गांवों के दौरे नहीं कर पा रहे है।इसका फायदा सचिव उठा रहे है।

----------------

No comments

Powered by Blogger.