पचमढ़ी में एयर स्ट्रिप के लिए दी गई पेड़ों की बलि!

 


पिपरिया।सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी देश भर में खूबसूरत पर्यटन स्थल के साथ ही साथ होटलों-रिसार्ट के अवैध निर्माण करने को लेकर चर्चा में रहा करती है। परंतु इस बार पचमढ़ी की खूबसूरती में दाग लगाने वाला कृत्य किया गया है। पचमढ़ी में सरेआम सरकारी जमीन पर लगे करीब 150 पेड़ों पर कुल्हाडी चला कर इनकी हत्या कर दी गई है।परंतु जिम्मेदार सोते रहे।अब जिम्मेदार मामले की जांच की बात कह कर इसे रफा दफा करने में जुटे हुए है।सतपुड़ा की खूबसूरत वादियों में बसी पचमढ़ी में अवैध निर्माण को लेकर हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट कई बार सख्त आदेश दे कर अपनी चिंता भी व्यक्त कर चुका है।इस अवैध निर्माण रूपी कोढ़ से पचमढ़ी आजाद भी नहीं हो पाई और अब यहां की प्राकृतिक सौंदर्यता पर कुल्हाडी चलाने का काम बड़ी ही दंबगई से किया गया है।पचमढ़ी के बीटीआई क्षेत्र में सरकारी भूमि पर लगे करीब 150 पेड़ों को काट दिया गया है। मौके पर ही कटे हुए पेड़ भी पड़े हुए है।स्थानीय स्तर पर जब इस पेड़ कटाई की पूछताछ हुई तो कोई भी कुछ कहने को तैयार नहीं है। इससे साफ प्रतीत होता है की यह काम बड़ी मिलीभगत से किया गया है।इसके चलते ही स्थानीय स्तर पर कोई भी मुंह खोलने को तैयार नहीं है। पचमढ़ी जैसे संवेदनशील शहर में इस तरह की वारदात होना कही न कही पचमढ़ी की सुरक्षा पर बड़ा सवालिया निशान भी लगा रही है।

-हवाई पट्टी के लिए काटे गए पेड़-

सूत्रों की माने तो हवाई पटीं विस्तारीकरण के लिए यह पेड़ काटना पड़ा है।इन पेड़ों को काटने का आवेदन भी उक्त ठेकेदार ने कलेक्टर कार्यालय में दिया हुआ है।परंतु आवेदन पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हो सका था।सूत्र बताते है की ठेकेदार काफ़ी प्रभावशाली है जिसने लोक निर्माण विभाग के स्थानीय कर्मचारी की मिलीभगत से उक्त पेड़ कटवा दिए है।

-लोक निर्माण विभाग की जगह-

जिस बीटीआई क्षेत्र में अवैध रूप से सैंकड़ों पेड़ गए है। वह जमीन हाल ही में नजूल से लोक निर्माण विभाग को ट्रांसफर की गई है।  साड़ा अध्यक्ष कमल धूत ने बताया की वह इलाका साड़ा क्षेत्र

 है।परंतु जमीन लोक निर्माण विभाग की है। लोक निर्माण विभाग की जमीन होने के कारण ही पचमढ़ी के स्थानीय नागरिकों को लोक निर्माण विभाग के एक कर्मचारी की मिलीभगत होने का शक इस पूरे मामले में है। -प्रकृति प्रेमी नाराज-

पचमढ़ी प्राकृतिक सौंदर्यता के लिए देश भर में जाना जाता है।स्थानीय नागरिक प्रकृति के काफी नजदीक रहने के कारण प्रकृति से बड़ा पे्रम करते है। पचमढ़ी में कभी भी इस तरह से हरे पेड़ों पर कुल्हाडी चलाने का मामला सामने नहीं आया है। इसके चलते ही पचमढ़ी के प्रकृति प्रेमी काफी नाराज है। पर्यावरण प्रेमियों का कहना है की यह कृत्य  किसके द्वारा किया गया है। उसका नाम सभी के सामने आना चाहिए वही इस तरह से प्रकृति के साथ छेड़छाड करने वालो के खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।

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