पीड़ित आदिवासियों के गाँव में लगी पंचायत

 


पिपरिया।आदिवासियों के साथ वन विभाग के अधिकारियों द्वारा मारपीट करने के मामले में अभी तक पुलिस ने कोई ठोस कार्यवाही नहीं की है।इस मामले को लेकर बुधवार को आदिवासी मज़दूर संगठन नेताओ ने नया परास गाँव पहुँच कर पीड़ितों से मुलाक़ात कर गाँव में पंचायत-चौपाल लगाई।मामले में पहुँचे सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल राठी,श्री गोपाल गंगुड़ा,हरगोविंद राय,फागराम,हरीश बेमन, सचिन शर्मा ने कहा की आदिवासीयो के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।पीड़ित कमल गौड़,मोहन सिंह गौड़,रामदीन गौड़ ने बताया की वह 24 नवम्बर को सुबह 9 बजे गाँव के पास ख़ाली पड़ी ज़मीन पर खेती कर रहे थे।वह इस ज़मीन पर को पिछले 8 साल से जोत रहे है।विस्थापन के समय वन विभाग ने ही इसे जोतने की अनुमति दी थी।तभी बीट गार्ड बाँकड़ क़रीब 15 लोगों के साथ आया और उनके साथ मारपीट कर इन्हें झिरिया नाका कार्यालय ले गया।वंहा पर भी इनके साथ मारपीट कर कहा की यदि किसी से शिकायत की तो जान से मार दूँगा।इस दौरान इनके खेती के क़रीब 30 पाइप भी जप्त कर लिए है।श्रीगोपाल गंगुड़ा के अनुसार अब 3 दिसंबर को पिपरिया में आदिवासी सम्मेलन किया जाएगा।जिसमें STR से विस्थापित आदिवासी एकत्रित हो कर अपनी माँगे रखेंगे।

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