पिपरिया के सरकारी अस्पताल इजाद की नई तकनीक

पिपरिया।करोड़ों रूपयों की लागत से शहर में 100 बिस्तर की क्षमता वाले सरकारी अस्पताल आम जनता की सुविधा के लिए बनाया गया है।जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारी तक इस अस्पताल में पर्याप्त सुविधा होने का खोखला दावा किया करते है।परंतु हकीकत में जमीनी स्तर पर यह सरकारी अस्पताल काफी बेहाल है। मंगलवार को सरकारी अस्पताल के स्टाफ ने एक नया कारनामा करके दिखाया है।मेडिकल साईंस के इतिहास में शायद इस कारनामे को किसी अविष्कार का नाम दिया जाना चाहिए।अस्पताल में अपने चेस्ट की जांच कराने पहुंचे हरीश कुमार ठक्कर का एक्स-रे किया गया था। इस एक्स-रे रिर्पोट को बकायदा फिल्म पर प्रिंट करके देना चाहिए था। परंतु अस्पताल स्टाफ ने उसे सादे कागज पर प्रिंट करके एक्स-रे दे दिया।जिसे वह अस्पताल के चिकित्सक के पास ले गया जहां से उसे इस सादे कागज के एक्स-रे प्रिंट को जांच कर चिकित्सकों ने बकायदा दवाईयां भी लिख कर दे दी है।अस्पताल में अपना इलाज कराने गए हरीश कुमार ठक्कर ने बताया की उसने रोगी पर्ची क्रमांक 6938/22 के माध्यम से 10 रूपए फीस दी थी।चिकित्सक ने जब उसे चेस्ट का एक्स-रे कराने पहुंचाया तो उससे पर्ची क्रमांक 46939 के माध्यम से 100 रूपए फीस एक्स-रे कराने के लिए देनी पड़ी पंरतु जब एक्स-रे रिपोर्ट आई तो वह देख कर अचंभित हो गया।अस्पातल प्रबंधन ने उसे सादे कागज पर रिपोर्ट प्रिंट करके दी है।हरीश ने इस बात की शिकायत एसडीएम पिपरिया से भी की है। शहर के नागरिकों का कहना है की सरकारी अस्पताल की व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है।




ऐसे में फीस लेना गलत:सीएमएचओ-

जिला मेडिकल आफिसर डा.दिनेश दहलवार के अनुसार इस तरह से यदि कागज पर प्रिंट करके एक्स-रे दिया है तो फिर फीस के 100 रूपए नहीं लेना चाहिए था।ऐसा हुआ है तो इसकी जांच करेगें।श्री दहलवार के अनुसार एक्स रे फिल्म खरीदने के लिए बजट नहीं है।इसकी व्यवस्था जल्द से जल्द की जा रही है।

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