PG कालेज आत्म हत्या कांडो पर NSUI प्रदेश अध्यक्ष का आरोप-: विधायक-भाजपा ज़िला अध्यक्ष आख़िर क्यों चुप है!

 


पिपरियाः-शहर के PG कालेज से जुड़े रैकवार बाबू एवं चपरासी मकरंद के परिवार सहित आत्म हत्या करने की घटना से जंहा समूचा शहर स्तब्ध है तो वही अब कांग्रेस की छात्र इकाई NSUI प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे ने विधायक एवं भाजपा ज़िला अध्यक्ष माधव अग्रवाल की इस पूरे मुद्दे पर चुप्पी को ले कर गंभीर सवाल उठाए है।स्थानीय पत्रकारों ने जब चौकसे से पूछा की इतने गंभीर मामले में NSUI की स्थानीय इकाई ने अभी तक कोई ज्ञापन तक नहीं सौंपा है।इस पर आशुतोष का कहना था की हम तो अभी कलेक्टर-SP से मिल कर जाँच की माँग करके आ रहे है।परंतु आप लोग 15 साल से जो यंहा की सत्ता के विधायक है।भाजपा ज़िला अध्यक्ष भी इसी शहर से आते है।इन लोगों से सवाल पूछिए की आख़िर वह अपने शहर की इतनी बड़ी घटना पर क्यों चुप है।चौकसे के अनुसार हमारे शहर में रहने वाले 3 लोग फाँसी पर झूल जाते है।परंतु भाजपा पार्टी मौन है।आशुतोष ने भाजपा नेताओ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा की जो चुप है।आप समझ लें की वह इस पूरे मामले में संलिपतत् है।तभी तो वह चुप है।NSUI प्रदेश अध्यक्ष ने हम से बात करते हुए कहा कि भाजपा ज़िला अध्यक्ष माधव अग्रवाल तो इसी PG कालेज से पढ़े है।वह क्यों चुप है उनको इसकी निष्पक्ष जाँच के लिए आगे आना चाहिए परंतु पूरी पार्टी चुप है।भाजपा नहीं चाहती है कि कालेज का यह घोटाला जनता के सामने आए परंतु NSUI एवं कांग्रेस पार्टी चुप बैठने वाली नहीं है।हम भोपाल में मुख्यमंत्री व DGP से मिल कर इस मामले में SIT या CBI जाँच की माँग करेंगे।

-:स्थानीय पुलिस पर हमें विश्वास नहींः-

NSUI प्रदेश अध्यक्ष ने कहा की स्थानीय पुलिस इस मामले की जाँच कर रही है।जो भाजपा नेताओ के दबाव में रहेगी।इसके लिए ज़िले के बाहर का कोई अधिकारी जाँच करे या फिर SIT जाँच हो।मकरंद आत्म हत्या कांड की जाँच में चौकसे ने स्थानीय पुलिस पर आरोप लगाए की FSL जाँच से पहले शवों को क्यों उतार लिया गया।पुलिस ने सुसाइड नोट को दूसरे दिन ही वायरल कर दिया।किसके दवाब में पुलिस ने सुसाइड नोट को वायरल किया है।पहले हेड राइटिंग एक्सपर्ट से उस नोट की सत्यता क्यों नहीं करवाई गई।इसके चलते ही हमें पिपरिया पुलिस पर भरोसा नहीं है।SP गुरुकरन सिंह ने मकरंद के परिवार सहित फाँसी लगाने की घटना की जाँच स्टेशन रोड थाने से ले कर SDOP पिपरिया को दी है।सुसाइड नोट के वायरल होने की शिकायत पत्रकारो ने भी IG-SP से की थी।जिसमें पुलिस की ओर से कहा गया था की परिजनों को वह नोट दिखाया था।वही परिजनों का कहना है की हमने तो उस सुसाइड नोट को केवल पढ़ा था।कोई ने भी उसकी फ़ोटो नहीं खिंची है।

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