तिवारी ने तिवारी के लिए छोड़ी बिगड़ी क़ानून व्यवस्था को सुधारने की चुनौती!

 


पिपरियाः-इन दिनो शहर की क़ानून व्यवस्था का कैसा हाल बे हाल पड़ा हुआ है यह बात किसी से भी छुपी नहीं है।आने वाले दिनो में पिपरिया में क़ानून व्यवस्था में सुधार लाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित होगी।ज़िला पुलिस कप्तान गुरुकरन सिंह ने शहर में अमन-चैन व क़ानून का राज रहे इसके लिए मंगलवारा थाने में बड़ा बदलाव किया है।हाल ही में अमित राय हत्या कांड की प्रारंभिक जाँच में बरती गई लापरवाही के चलते TI अजय तिवारी को जंहा नर्मदापुरम पुलिस लाइन में आमद देने के लिए कहा गया है तो वही दूसरी ओर बनखेड़ी थाने में पदस्थ तेज तर्रार TI उमेश तिवारी को मंगलवारा थाना इंचार्ज बनाया गया है।उमेश तिवारी एक साल पहले भी काफ़ी कम समय के लिए मंगलवारा थाना में अपनी सेवाएँ दे चुके है।नवागत TI उमेश तिवारी ने सोमवार को थाने में आमद दे दी है।उमेश तिवारी के लिए पिछले TI अजय तिवारी ने कई तरह की क़ानून व्यवस्था को दुरुस्त करने की चुनौती छोड़ कर गए है।जिसमें बदमाशों एवं निचले स्टाफ़ की दोस्ती को ख़त्म करना सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।जानकारो की माने तो मंगलवारा थाना में निचला पुलिस स्टाफ़ बे रोक-टोक बदमाशों की महफ़िल को गुलज़ार करने के साथ ही साथ चुरकटों के साथ गलबहिया करता हुआ सार्वजनिक स्थानो पर दिखता है।इस दोस्ती को तोड़ना नवागत TI का सबसे बड़ा काम होगा।इस दोस्ती पर पूर्व TI अजय तिवारी रोक लगाने में नाकाम रहे है।थाना क्षेत्र के मुख्य बाज़ार इलाक़े में ट्रेफ़िक सुधार दूसरा बड़ा चैलेंज साबित हो सकता है।इसके लिए उमेश तिवारी को स्टाफ़ के साथ रोज़ाना खुद मैदान में उतरना पड़ेगा।पूर्व TI अजय तिवारी के समय में मुख्य मंगलवारा बाज़ार से ही पुलिसकर्मी नदारद रहा करते थे।जो थाने के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ।तीसरी सबसे बड़ी चुनौती रहेगी की पुलिस अपने सूचना तंत्र को फिर से विकसित कर अच्छे सिपाहियों को शहर की सूचना संकलन करने के काम में जुटाए।TI अजय तिवारी के समय क़ानून व्यवस्था को दुरुस्त बनाने वाली सूचना संकलन का काम ऐसे सिपाहियों के कंधो पर रहा जो केवल सिविल ड्रेस में आम जनता से पुलिसिया व्यवहार कर अपनी जेब भरते रहे।नवागत TI को किसानो के साथ हुई लूट की घटनाओं को भी उजागर करने और मंडी में आए किसानो को सुरक्षित माहौल देने का बड़ा व खुला चैलेंज रहेगा।अजय तिवारी के कार्यकाल में शहर के बड़े उद्योगपतियों के आर्थिक मामलों की FIR तुरंत हुई है।भले ही आरोपी दूसरे प्रदेशों के क्यों न हो।इसी तरह के मामलों में आम आदमियों को तो थाने से ही भगा दिया जाता था।थाना सूत्रों की माने तो इन उद्योगपतियों की चोरी गई अनाज की 1-2 बोरियों को तक TI खुद तलाशने निकल पड़ते थे।जबकि गरीब जनता अपने घरों में हुई चोरियों की गुहार लगाने TI के केबिन में तक नहीं पहुँच पाती थी।नवागत TI उमेश तिवारी का कहना है की शहर में क़ानून का राज क़ायम रहेगा।थोड़ा समय जनता को मुझे देना होगा।जिससे मैं थाना क्षेत्र की परिस्थिति को समझ सकूँ।हर व्यक्ति की समस्या को गंभीरता से सुना जाएगा।पुलिस ट्रेनिंग में गरीब-अमीर के लिए कोई भेदभाव करना नहीं सिखाया जाता है।जनता मेरे से खुद आ कर थाने में बेरोक टोक मिल सके।इसकी व्यवस्था करूँगा।जनता की सुरक्षा मेरा पहला काम होगा।

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