अमित राय हत्या कांडः-पुलिस ने झगड़े की रिपोर्ट पर कार्यवाही की होती तो ज़िंदा होता अमित!
पिपरियाः-इलाक़े की क़ानून व्यवस्था इन दिनो पूरी तरह से चौपट हो चुकी है।जनता की सुरक्षा जंहा भगवान भरोसे है तो वही फ़रियादीयों को ही न्याय पाने के लिए अपने साथ घटी घटना के साक्ष्य जुटाने पड़ रहे है।जबकि एक समय में यह काम पुलिस का हुआ करता था।ऐसे ही कुछ हालात 25 अप्रेल को बस स्टैंड पर आहता चलाने वाले अमित राय की हत्या के मामले में बने है।मंगलवारा पुलिस ने इस हत्याकांड में जंहा मात्र 2 बदमाशों को नाम जद कर जेल भेज दिया।तो वही परिजनों ने क़रीब 15 दिन बाद घटना स्थल का CC TV फ़ुटेज वायरल कर बता दिया की अमित की हत्या में एक दर्जन लोग शामिल थे।परिजनों का कहना था की पुलिस हत्या जैसे संगीन मामले में भी कोताही बरत कर हत्यारों को छोड़ रही है।परिजनों द्वारा वायरल वीडियो के बाद अब मजबूरी में मंगलवारा पुलिस इन युवकों को उठा कर पूछ ताछ कर रही है।वारदात का वीडियो सामने आने के बाद SP गुरुकरन सिंह खुद इस मामले की मानीटरिंग कर रहे है।
-:झगड़े की रिपोर्ट पर गिरफ़्तारी क्यों नहीं-:
शहर के बुद्धिजीवी नागरिकों की माने तो अमित राय से 25 अप्रेल को अजय पुर्विया एवं संजय शर्मा ने दोपहर में शराब आहते में मारपीट की थी।जिसकी रिपोर्ट अमित ने तुरंत थाने में लिखवाई थी।इस मामले में यदि पुलिस आरोपियों को तलाशती या फिर इनकी गिरफ़्तारी करती तो रात के समय यह वारदात नहीं होती और अमित आज ज़िंदा होता।अमित को मारने में जितना दोष हत्यारों का है उतना ही इस मामले को हल्के में लेने वाले पुलिस स्टाफ़ का भी है।जनता का कहना है की दिन के समय आहते में हुई लड़ाई को पुलिस ने हल्के में लिया जिससे बदमाशों के हौसले और ज़्यादा बुलंद हो गए और उन्होंने इस हत्या कांड को अंजाम दे दिया।
-: हत्या के 3 दिन बाद बदमाशों का जुलूस निकाल कर पुलिस ने थपथपाई थी अपनी पीठ-:
मंगलवारा पुलिस की कहानी के अनुसार अमित राय की हत्या अज्जु पुर्विया एवं संजय शर्मा ने की थी।इन दोनो आरोपियों को अमित की मौत के तीसरे दिन पुलिस ने पकड़ कर हथकड़ी लगा बस स्टैंड पर देशी विदेशी शराब के आहतो के आसपास घुमाया गया था।इनको पकड़ने के साथ ही पुलिस ने अपनी पीठ थपथपा कर मामले को सुलझाने का दावा किया था।सूत्र बताते है की इन दोनो आरोपियों ने तो थाने में सरेंडर किया था।परंतु इसके बाद भी पुलिस इनको खुद पकड़ने का दावा कर रही थी।जनता का कहना है की इन लोगों को गिरफ़्तार कर पुलिस ने इनसे ऐसी कैसी पूछताछ करी की घटना में शामिल अन्य लोगों के नाम भी पता न लगा सकी।जिसकी पोल वायरल वीडियो में खुल गई।
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