रैकवार बाबू आत्म हत्या या हत्याःआख़िर क्यों मौन है राजनैतिक दल!


 पिपरियाः-PG कालेज के पूर्व प्रयोगशाला प्रभारी राजेश रैकवार ने कालेज प्राचार्य राजीव माहेश्वरी एवं उनकी चौकड़ी से तंग आ कर पिपरिया स्टेशन पर आत्म हत्या कर ली है।रैकवार द्वारा लिखित 15 पेज का सुसाइड नोट इन दिनो सोशल मीडिया पर जम कर वायरल हो रहा है।इस नोट में कालेज में चल रहे अनैतिक कार्यों सहित वित्तीय घोटालों का उल्लेख करते हुए प्रिंसिपल और उनकी गैंग पर गंभीर आरोप लगाए गए है।इलाक़े के विभिन्न राजनीतिक दलो के नुमाइंदे पत्रकारों से उक्त सुसाइड नोट को पढ़ने के लिए तो माँग रहे है परंतु इस पूरे प्रकरण पर चुप्पी साध कर बैठे हुए है।बात-बात पर जनता की हित की बात करने वाली और ज्ञापन देने वाली मुख्य विपक्षी कांग्रेस पार्टी तो सोशल मीडिया तक पर इस मामले में जाँच की बात नहीं कह पा रही है।सत्ताधारी दल भाजपा का प्रेम कालेज प्राचार्य राजीव माहेश्वरी के प्रति पिछले कई वर्षों से जग जाहिर है।बात-बात पर आम आदमी पार्टी के नाम पर  सोशल मीडिया पर सक्रीय रहने वाले युवा नेताओ को भी इस पूरे कांड पर मौन रहना पड़ रहा है।परंतु दूसरी ओर शहर के आम आदमी इस पूरे मामले में दूध का दूध और पानी का पानी चाहते है।रैकवार को न्याय दिलाने के pipariyapeoples.com के इस अभियान को जनता बहुत सराह रही है।पिपरिया की आम जनता एवं कालेज के पूर्व छात्र लगातार हमें फ़ोन एवं मेसेज के माध्यम से इस मामले के दोषियों को सजा दिलाने के लिए प्रेरित कर रहे है।

-:कंहा गए छात्र संगठन-:

PG कालेज परिसर में रोज़ाना फ़ालतू की नेतागिरी करने वाले छात्र नेताओ को इस पूरे मामले में साँप सूंघ गया है।बात-बात पर कालेज परिसर में प्रबंधन के ख़िलाफ़ ज़िंदाबाद-मुर्दाबाद के नारे लगाने वाले छात्र संगठन इस पूरे मामले को किसी तरह की तव्वजो नहीं दे रहे है।सूत्रों की माने तो इन छात्र नेताओ के आकाओ ने उन्हें इस मामले से दूर रहने की सलाह दी है।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों द्वारा पूर्व में कालेज प्राचार्य राजीव माहेश्वरी की शिकायत शासन स्तर पर की गई थी।जिसमें माहेश्वरी का तबादला भी हो गया था परंतु माहेश्वरी ने अपने राजनीतिक सम्बंध का उपयोग कर फिर से पिपरिया पदस्थापना करा ली थी।इसके बाद भी इस बार परिषद माहेश्वरी के पक्ष में खड़ी दिखाई दे रही है।पिपरिया कालेज में NSUI का ज़्यादा प्रभाव नहीं है जिसके चलते रैकवार मामले में किसी भी NSUI नेता ने कोई विरोध नहीं किया है।कुल मिला कर इस मुद्दे पर छात्र संगठन एवं छात्र नेता अपना मुँह सिल कर बैठे हुए है।

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