PG कालेज में लगा नेत्र परीक्षण शिविर,जनता का कहना स्टाफ़ की दृष्टि नहीं दृष्टिकोण बदलने की ज़रूरत है!


पिपरियाः-शहर के सबसे पुराने PG कालेज परिसर में नेत्र परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया।इस दौरान कालेज स्टाफ़ सहित छात्र-छात्राओं की आँखो की जाँच की गई है।इस नेत्र परीक्षण शिविर की ख़बर को लेकर सोशल मीडिया पर जम कर कमेंट्स किए जा रहे है।यह कमेंट्स पिछले दिनो कालेज के पूर्व प्रयोगशाला कर्मचारी राजेश रैकवार द्वारा की गई आत्म हत्या के मामले में आ रहे है।दरअसल रैकवार ने मरने से पहले पत्रकारो एवं अधिकारियों को पोस्ट से 15 पेज का सुसाइड नोट भेजा है।जिसमें कालेज प्राचार्य राजीव माहेश्वरी सहित उनकी चौकड़ी को ज़िम्मेदार बताते हुए कालेज में चल रही अनैतिक गतिविधियों का खुलासा करते हुए बहुत ही संगीन आरोप लगाए है।इन आरोपों के बीच जब कालेज में नेत्र परीक्षण शिविर लगा तो सोशल मीडिया पर लोगों का कहना था की कालेज स्टाफ़ एवं प्रिंसिपल को दृष्टि नहीं अपना दृष्टिकोण बदलना होगा।इसके लिए अलग से शिविर लगाने की ज़रूरत है।जिससे महाविद्यालय का असली विकास हो सके।एक यूज़र ने लिखा की कालेज को साफ़ सुथरा बनाना है तो नेताओ को अपने दृष्टिकोण से इन लोगों का तबादला कही ओर कराना होगा।एक और यूज़र ने मज़ेदार कमेंट्स करते हुए लिखा है की आख़िर क्या कारण है प्राचार्य माहेश्वरी का जब तबादला हुआ तो उन्हें वापिस लाने के लिए दलालो की फ़ौज सक्रीय हो गई थी।इसी घटना में एक ओर यूज़र ने लिखा की कालेज में प्रिंसिपल के इशारों पर नहीं नाचने वालों का यही हश्र होगा।वही कई लोगों ने तो यंहा तक लिखा है की पिपरिया PG कालेज में नौकरी करनी हो या पढ़ना हो आपको इस चौकड़ी की शरण में आना ही होगा।

वही कई कमेंट्स में तो यह लिखा की अभी तक तो कालेज प्रिंसिपल राजीव माहेश्वरी कुछ ऐसे स्वार्थी तत्वों से घिरे है जो कांग्रेस-भाजपा दोनो को सलाम ठोंक कर सिर्फ़ पैसा कमाना जानते है।PG कालेज में पदस्थ अन्य स्टाफ़ भी रैकवार के लगाए आरोपों पर दबीं ज़ुबान में अपनी सहमति प्रदान कर रहा है।नाम न छापने की शर्त पर एक दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी ने बताया की सही में रैकवार बाबू को बहुत परेशान किया गया है।तब ही तो उन्होंने ऐसा कदम उठाया है।यंहा तो प्रिंसिपल के घर तक के काम कालेज से चल रहे है।इस कर्मचारी ने दावा किया की कालेज में काम करने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को उनके घर तक के पूरे काम करना होता है।यदि कोई कर्मचारी इसका विरोध करता है तो उसे तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाता है।कालेज स्टाफ़ भी मानता है की रैकवार बाबू के मामले की सूक्ष्म जाँच होना चाहिए जिससे उसे परेशान करने वालों को दंडित किया जा सके।शहर के बुद्धिजीवियों की माने तो कालेज में नेत्र परीक्षण शिविर की जगह उच्च शिक्षा विभाग को शिकायत शिविर लगाना चाहिए जिससे कालेज में चल रही धांधली उजागर हो सके।

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