कलेक्टर के दिशा निर्देश भी नहीं मानती पिपरिया जनपद!



पिपरियाः-जनपद पंचायत में अफ़सरशाही किस तरह से बेलगाम हो चली है इसकी बानगी नर्मदा जयंती महोत्सव पर को देखने को मिली।एक ओर जंहा सांडिया ग्राम में नर्मदा तटों पर लाखों श्रद्धालु नर्मदा जयंती पर पूजन पाठ करने पहुँचे तो वही दूसरी ओर इन घाटों पर किसी भी तरह की जनहित व्यवस्था नहीं थी।जबकि ज़िला कलेक्टर नीरज सिंह लगातार ज़िले की सभी जनपद पंचयतो को निर्देश दे रहे थे की उनकी पंचायतो में आने वाले नर्मदा घाटों पर नर्मदा जयंती के कार्यक्रम बड़ी धूमधाम से मनाया जाए परंतु पिपरिया जनपद पंचायत के अधिकारी कलेक्टर के निर्देशो को भी हवा में उड़ाने का माददा रखते है।जिसके चलते ही सांडिया पंचायत ने किसी भी तरह की सुविधा नर्मदा घाटों पर मुहैया नहीं कराई।सांडिया के घाटों में अंधेरा पसरा रहा तो वही सीताराम घाट को जोड़ने वाली मुख्य सड़क तक लोग बहुत मुश्किल से पहुँच सके।घाटों पर फैली अव्यवस्था से 

आम जनता तो परेशान हुई ही अधिकांश लोगों की धार्मिक आस्थाओं को भी चोट पहुँची है।सांडिया पंचायत पर नर्मदा घाटों पर प्रकाश व्यवस्था से लेकर साफ़-सफ़ाई एवं श्रद्धालुओं के कपड़े बदलने की व्यवस्था करने सम्बंधी कई तरह के निर्देश ज़िला कलेक्टर ने दिए थे परंतु ऐसी कोई भी व्यवस्था सांडिया के घाटों पर दिखाई नहीं दी।जिससे आम जनता काफ़ी परेशान हुई।जनता की माँग है की ज़िला कलेक्टर अपने निर्देशो के पालन होने या नहीं होने की जानकारी भी ले जिससे की उनको ज़मीनी हक़ीक़त भी पता सके।वही आम नागरिकों का कहना था की जनपद पंचायत की CEO की भी कार्यालय से निकल कर ज़मीनी दौरे करना चाहिए।नर्मदा जयंती को समारोह पूर्वक मनाने को लेकर भी पहले से अधिकारियों को बैठक करनी चाहिए परंतु ऐसा नहीं हो सका।जिसका ख़ामियाज़ा आम जनता को भुगताना पड़ा।

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