बनखेड़ी में DMO की मिलीभगत से हुआ धान घोटाला!




पिपरियाः-MP अजब है सबसे गजब है।इस तरह की लाइन भले ही आपको राज्य सरकार के विज्ञापन में सुनाई देती हो परंतु अब यह लाइन सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत पिपरिया इलाक़े में चरितार्थ भी होती दिख रही है।दरअसल ज़िला विपणन अधिकारी DMO की मिलीभगत से माखनलाल हरलाल राइस मिलर ने 3 हज़ार क्विंटल सरकारी धान का गोलमाल कर दिया है।उक्त राइस मिल अभी पूरी तरह से बन कर भी तैयार नहीं हुई है।राइस मिल में कबाड़ की मशीनो को आधा अधूरा फिट किया गया है।जिसके बाद भी मिलर माखन लाल हरलाल पर DMO कल्याण सिंह ने मेहरबानी करते हुए 7 लाट की क़रीब 3 हज़ार क्विंटल धान चांवल बनाने के लिए जारी कर दी गई है।जबकि DMO को न केवल मिल का स्थल निरीक्षण करना था बल्कि उसे मिलर द्वारा दिए गए काग़ज़ातो की पूरी जाँच भी करना था।परंतु भारी भ्रष्टाचार कर ऐसा नहीं किया गया है।जिसके फल स्वरूप मिलर ने सरकारी धान का उठाव कर लिया है।जिसके चांवल बन कर सरकारी गोदाम में जमा होने की संभावना पूरी तरह से शून्य दिखाई दे रही है।


बिना बिजली कनेक्शन लिए चालू हुई मिल-


इस पूरे मामले में सबसे ज़्यादा चौकाने वाला तथ्य यह है की राईस मिलर ने बिना किसी बिजली कनेक्शन लिए ही उक्त मिल को काग़ज़ातों में चालू भी बता दिया है।जिसके आधार पर DMO ने उसे 7 लाट धान का आवंटन भी कर दिया है।इस पूरे मामले में DMO की संलिपत्ता इसी बात से समझी जा सकती है की बिना बिजली कनेक्शन के कोई भी वैध कागजातो के आख़िर कैसे इस मिलर को चांवल दरने की अनुमति प्रदान की गई।विधुत मंडल DE राकेश कपिल ने बताया की इस मिल में अभी तक कोई भी बिजली कनेक्शन नहीं दिया गया है।इसके साथ ही आख़िर किन काग़ज़ातों को देख कर DMO ने 60 लाख रुपए की धान मिलर को आवंटित की है।जिसका खुलासा इस पूरे मामले की सूक्ष्म जाँच से ही संभव हो पाएगा।

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