पिपरिया के किसानो को फिर ठगने में जुटी फ़ॉरचून!

पिपरियाः-पिछले वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी इलाक़े के किसानो से अनुबंध के आधार पर धान की उपज ख़रीदने वाली फ़ॉरचून कम्पनी किसानो को लूटने में लगी है।इस कम्पनी का सहयोग पिपरिया के कीटनाशक दवा विक्रेता कर रहे है।इन दवा विक्रेताओं द्वारा ही किसानो से कम्पनी के नाम पर अनुबंध किया गया है।परंतु अब कम्पनी और यह कीटनाशक दवा विक्रेता बिचौलिये अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करने पर तुले हुए है।बाज़ार में धान के ऊपर उठते दामों के कारण  अब कम्पनी एवं कीटनाशक विक्रेता दोनो ही धान ख़रीदने में आना कानी कर रहे है।इस बात की शिकायत इलाक़े के किसानो ने SDM पिपरिया से करते हुए फ़ॉरचून कम्पनी एवं कीटनाशक दवा विक्रेता ऐग़्रो सर्विस सेंटर के मालिक आशीष सोडानी के ख़िलाफ़ कार्यवाही करने की माँग की है।

किसानो को नहीं देते वैध काग़ज़ात

फ़ॉरचून कम्पनी पिपरिया एवं आसपास के इलाक़े में कई वर्षों से काम कर रही है।जिसके चलते वह यंहा के किसानो की कमजोरी पकड़ चुकी है।वह किसानो से बोनस सहित कई तरह की लोकलुभावन वादे कर लेती है।परंतु वह यह वादे किसी लिखित काग़ज़ात के रूप में नहीं देती है।जिसके चलते जब किसान इस अनुबंध के उल्लंघन की शिकायत करते है तो अधिकारी उनसे अनुबंध के काग़जत माँगते है जो की किसानो के पास नहीं होते है।ऐसे में कम्पनी एवं कीटनाशक दवा विक्रेता बच जाते है।

मूक दर्शक बना रहता है कृषि विभाग

फ़ॉरचून जैसी कई कम्पनियाँ किसानो को अनुबंध खेती के नाम पर ठग रही है।इनका ज़्यादातर काम कीटनाशक दवा विक्रेताओ द्वारा किया जाता है।यह विक्रेता ही किसान से अनुबंध करते है यही उसको उधारी में कीटनाशक उपलब्ध करवाते है।परंतु इतने बड़े व्यापार की ख़बर कृषि विभाग को नहीं लगती है।वही जानकारो का कहना है की कृषि विभाग जान बुझकर इस पूरे गौरखधंधे पर अपनी आँख मूँद कर बैठा रहता है।जिससे कृषि विभाग एवं कीटनाशक दवा विक्रेता की दोस्ती बनी रहे।

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