सेमरीतला सोसायटी:-मूंग भुगतान की शिकायत पहुँची कलेक्टर की जनसुनवाई में!


पिपरिया:-कृषक सेवा सहकारी समिति सेमरीतला में मूंग बेचने वाले किसान किस कदर परेशान है इसकी बानगी ज़िला कलेक्टर की जनसुनवाई में देखने को मिल रही है।समर्थन मूल्य पर मूंग बेचने वाली महिला कृषक माधवी बाई के परिजनों ने आज होशंगाबाद कलेक्ट्रेट में चल रही जनसुनवाई में पहुँच कर कलेक्टर नीरज सिंह से गुहार लगाई कि आज तक उनके द्वारा बेंची गई मूंग का न तो भुगतान हो रहा है न ही समिति द्वारा मूंग वापिस की जा रही है।पिपरिया के ग्राम काँठि सुरेला निवासी महिला कृषक माधवी पटेल पति कवींद्र पटेल ने 25 अगस्त को सेमरीतला सोसायटी ख़रीदी केंद्र पर अपनी 20 क्विंटल 50 किलो मूंग तुलवाई थी।जिसके लिए इसे बक़ायदा SMS के माध्यम से बुलाया गया था।तुलाई के बाद किसान को कहा गया की एक-दो दिन में बिल मिल जाएगा परंतु उसके बाद आज तक किसान को बिल नहीं दिया गया है।जिसके चलते माधवी बाई के परिजनों ने आज कलेक्टर से मिल कर सोसायटी एवं ज़िला सहकारी बैंक प्रबंधन की शिकायत की है।वही कलेक्टर नीरज सिंह ने तुरंत कृषि विभाग के अधिकारियों को बुला कर मामले का निपटारा करने का निर्देश दिए है।

बिल के कारण नहीं हो रहा भुगतान

महिला कृषक के परिजनों का कहना है की चूँकि सोसायटी ने बिल नहीं बनाया है।इसके चलते उसका मूंग का पैसा अभी तक नहीं आया है।वह कई बार समिति में जा कर पता कर चुके है।वंहा कोई भी संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं दिया जाता है।किसान का कहना है की उनके गाँव से सेमरीतला सोसायटी भी 25 किलोमीटर दूर है।ऐसे में अभी तक क़रीब कई हज़ार का तो पेट्रोल जला चुका है।सूत्रों की माने तो सेमरीतला सोसायटी में मूंग के बिल बनाने के नाम पर भी जम कर भ्रष्टाचार हुआ है।इसमें भी किसानो से वसूली की गई है।

ज़िला सहकारी बैंक में भी नहीं हो रही सुनवाई

महिला कृषक के पति कवींद्र पटेल का कहना है की वह दर्जनो बार ज़िला सहकारी बैंक में ज़िम्मेदार अधिकारियों के पास यह शिकायत ले कर गए है।परंतु उनको कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया जा रहा है।जबकि यह सोसायटी बैंक के अंतर्गत ही आती है।बैंक में बताया जाता है की ख़रीदी में लगे सुनीत पुरोहित को निलम्बित कर दिया गया है।वही इस मामले को सुलझा सकते है।बैंक की ओर से सभी समितियों की मानिटरिंग के लिए पर्यवेक्षक भी नियुक्त किया गया है।परंतु यह पर्यवेक्षक कभी भी समितियों का दौरा नहीं करते है।यह बैंक में ही बैठ कर समिति प्रबंधको के इशारे पर काम किया करते है।जिसके फलस्वरूप ही सहकारी समितियों में भारी भ्रष्टाचार फ़ैला हुआ है।

किसान का कहना वापिस की जाए मूंग

महिला कृषक के पति कवींद्र का कहना है की हमारे पास तोल पर्ची से लेकर अन्य सभी ज़रूरी काग़ज़ात है परंतु इसके बाद भी 2 माह से समिति-बैंक और तहसील के चक्कर काटने पड़ रहे है।हम बहुत परेशान हो चुके है।हमें हमारी मूंग वापिस कर दी जाए हम उसे बाज़ार में बेंच देंगे।कवींद्र के अनुसार हमने जनसुनवाई में भी SDM पिपरिया को आवेदन दिया है।

सोसायटी ने कुल ख़रीदी से कम जमा की मूंग

कृषक सेवा सहकारी समिति सेमरीतला ने खापरखेड़ा में स्थित समृद्धि वेयर हाउस में मूंग की सरकारी ख़रीदी की थी।सूत्रों की माने तो इस वेयर हाउस में समिति द्वारा जमा की गई मूंग एवं ख़रीदी मात्रा में बहुत बड़ा अंतर है।जिसकी भरपाई कौन करेगा यह कहना मुश्किल है।वही समिति से जुड़े ज़िम्मेदारो द्वारा कृषक माधवी के परिजनों को कई दिन तक यह कह कर गुमराह किया गया की अभी स्टाक ka मिलान चल रहा है।परंतु ऐसा कुछ नहीं किया गया।ज़िला सहकारी बैंक पिपरिया के सभी जिम्मेदारो को पता है की सेमरीतला समिति ने जम कर मूंग ख़रीदी में घपला किया है।परंतु इसके बाद भी वह कार्यवाही नहीं कर रहे है।

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